नया नहीं है महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा, बिहार में हो चुका है सरकार गिराने व बनाने का ऐसा ही खेल


महाराष्ट्र से पहले उसके पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में भी ऐसा कुछ हुआ था, लेकिन महाराष्ट्र के इस सियासी ड्रामे से मेल खाता सबसे सटीक उदाहरण है बिहार का, जहां नीतीश कुमार ने लालू यादव का साथ छोड़कर अपनी ही सरकार गिरा दी थी।


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lalu yadav nitish kumar

महाराष्ट्र में सरकार चला रहा महाअघाड़ी गठबंधन संकट में है। उनके ही एक वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे कुछ विधायकों के साथ भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं।

सरकार का इस तरह अपने ही विधायकों के चलते संकट में होना सामान्य सी बात नजर आ रही है। दरअसल पिछले कुछ समय में भारतीय राजनीति में सरकार गिराने की प्रक्रिया की ऐसी पटकथाएं बेहद आम हो चुकी हैं।

महाराष्ट्र से पहले उसके पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में भी ऐसा कुछ हुआ था, लेकिन महाराष्ट्र के इस सियासी ड्रामे से मेल खाता सबसे सटीक उदाहरण है बिहार का, जहां नीतीश कुमार ने लालू यादव का साथ छोड़कर अपनी ही सरकार गिरा दी थी।

साल 2017 में बिहार में जेडीयू और आरजेडी की गठबंधन वाली सरकार थी। विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के साथ यह सरकार लगातार मुसीबतों का सामना कर रही थी।

26 जुलाई 2017 को सरकार की परेशानियां इस कदर बढ़ गईं कि लालू यादव ने मीडिया पर महागठबंधन तुड़वाने के लिए साजिश रचने का आरोप लगा दिया।

दरअसल उनके बेटे तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का एक आरोप था जिस पर उनसे इस्तीफा मांगा जा रहा था और लालू यादव ने साफ कर दिया था कि तेजस्वी से इस्तीफा नहीं दिलवाया जाएगा।

इसके ठीक कुछ घंटों बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल से मिले और अपना इस्तीफा सौंप दिया। आरजेडी को इसकी पहले से ही आशंका थी। पुराने दोस्त कहे जाने वाले लालू और नीतीश की ये साझा सरकार दो साल भी नहीं चल सकी थी।

इस बीच नीतीश कुमार को भारतीय जनता पार्टी का समर्थन भी हासिल हो चुका था और यह तय था कि वह अब बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले हैं और इसके बाद हुआ भी यही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जीत का जश्न मनाया।





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