अंतरराष्ट्रीय मामलों में राज्य स्तर पर कोई भी आरोप-प्रत्यारोप पूरी तरह से अवांछनीय हैं लेकिन फिर भी राजनीति इस पर नहीं रुकती।
प्रधानमंत्री के करिश्माई व्यक्तित्व को अगर छोड़ दिया जाए तो भाजपा के पास चुनाव जिता सकने वाले नेताओं की काफ़ी कमी है।
राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह और नरेंद्र मोदी की टीम ने गुजरात ही नहीं हिमाचल और दिल्ली में अपनी पूरी ताकत झोंक दी इसके बावजूद, पार्टी को तीन में से…
अभी तक कांग्रेस के जनाधार पर ही आप आगे बढ़ी है लेकिन यह गति ऐसी ही चलती रही तो बीजेपी को भी नार्थ इंडिया में आप की कड़ी चुनौती का मुकाबला करना पड़…
राहुल गांधी की यात्रा जन समर्थन और भीड़ के नजरिये से देखने पर पूरी तरह से सफल और सार्थक लगती है लेकिन इसकी सार्थकता कांग्रेस की मजबूती के साथ ही प्रमाणित हो सकेगी।
करीब चार लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली स्टारबक्स कम्पनी का कारोबार अरबों अमेरिकी डालर का है। अमेरिकी स्टारबक्स पर और स्टारबक्स अमेरिकियों पर गर्व करता है।
संघ और भाजपा के लिए रणनीतिक चिंता का विषय हो सकता है कि उसे 2024 की चुनावी लड़ाई सीधे जनता के साथ सड़कों पर लड़ना पड़ सकती है और मतदाताओं को मंत्रमुग्ध करने…
आजादी के 75वां वर्ष का उत्सव मना रहे हैं तब ऐसे अनेक प्रसंग से हमारी नयी पीढ़ी को रूबरू कराने का स्वर्णिम अवसर है। मध्यप्रदेश ऐसे जाने-अनजाने सभी वीर योद्धाओं का स्मरण कर…
‘भारत जोड़ो यात्रा’ जब हैदराबाद पार कर महाराष्ट्र के अकोला पहुँची तो 2024 में पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर पत्रकार वार्ता में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उनका उत्तर था…
वे सबसे ज्यादा लोकप्रिय बच्चों के बीच थीं। हम जैसे बच्चों के लिए वे आज भी चहकती, कुहकती, शरारती बेबी तबस्सुम थीं।
रोशनी और मजहब का पाक और बेजोड़ रिश्ता हर जगह मुमकिन है, सिवाय उन मुल्कों के जहां जनता को लोक कल्याण के नाम पर मुफ्तखोरी की आदत सिखाई जाती है। ईश्वर से प्रार्थना…
ऐसे अपराधों की रोकथाम पुलिस कर ही नहीं सकती। कानून भी इस मामले में असहाय है। अदालतें पहले से ही इस तरह के अपराधों को लेकर बहुत संवेदनशील नहीं रह गई है।
भोपाल गैस त्रासदी के लिए अगर यूनियन कार्बाइड प्रबंधन के साथ-साथ अर्जुनसिंह सरकार भी ज़िम्मेदार थी तो मोरबी हादसे के लिए गिनाए जा रहे कारण ‘भगवान की मर्ज़ी’ के अलावा गुजरात सरकार और…
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा डेढ़ महीने से ज्यादा समय से सफलतापूर्वक चल रही है। कन्याकुमारी से शुरू यह यात्रा महाराष्ट्र पहुंच चुकी है। इसका अगला पड़ाव मध्यप्रदेश है।
किसी भी दल में अब आन्तरिक लोकतंत्र बचा नहीं है इसलिए धीरे-धीरे सभी राजनीतिक दलों का कायान्तरण औद्योगिक घरानों की तर्ज पर हो गया है।
चुनाव में कोई जीतता है तो कोई हारता है, लेकिन भ्रष्टाचार कभी भी हारता दिखाई नहीं पड़ता।
जनजातीय समाज पूरी तरह से इसे तभी गौरव मानेगा जब इसके कारण उनकी संस्कृति और उनके विकास के पैमानों को उनकी इच्छा और अनुमति से आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
पाठकों के लिए ये खबर मुमकिन है ज्यादा महत्वपूर्ण न हो, लेकिन हकीकत ये है कि दुनिया के महाबली देश अमेरिका में इन दिनों भारतीय आटा संकट से दो-चार हो रहे हैं।
गरीबी के आधार पर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी वर्ग आरक्षण की सुरक्षा के हकदार बन गए हैं। ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ सामान्य वर्ग की सभी जातियों को मिलेगा।
भारत में तो इलाज और दवा पर होने वाले खर्च की वजह से देश में हर साल 3 करोड़ 8 लाख लोग गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं। सरकार ने खुद लोकसभा…