पीएम मोदी ने क्या कर्नाटक के लोगों का अपमान नहीं किया है? या फिर इसे देश के दलितों का अपमान क्यों न माना जाये?
मुफ्तखोरी की योजनाओं पर सभी दल एक दूसरे का विरोध करते हैं लेकिन मौका मिलने पर कोई भी दल मुफ्तखोरी की योजनाएं घोषित कर अपने-अपने पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने से बाज़…
राहुल गांधी ने देश की हुकूमत और रायपुर में उपस्थित कांग्रेसजनों के लिए घोषणा की कि अब भारत की सड़कें ही उनका घर बनने वाली हैं।
पवन खेड़ा के ख़िलाफ़ दिल्ली हवाई अड्डे पर हुई पुलिस कार्रवाई के बाद रायपुर से प्रकट होने वाले कांग्रेस के तेवरों का महत्व और बढ़ गया है। भय इस बात का है कि…
ग्लोबल वार्मिंग की तपिश हमारे घर में भी दस्तक देने लगी है। फरवरी मध्य में यदि मार्च-अप्रैल जैसी गर्मी महसूस की जा रही है तो यह आसन्न खतरे का संकेत है।
समय रहते यदि प्रशासन और सरकार न चेती तो भीड़ के ये नए नाभि केंद्र बहुत बड़ी समस्या का रूप ले लेंगे।
राजनीति और धर्मगुरुओं का यह घालमेल अंततः समाज के लिए फायदेमंद होने की बजाय हानिकारक साबित होगा. सरकारों को ऐसे अंधविश्वास और अराजक दौर से लोगों को बचाने के लिए सतर्क रहने की…
जो राजनेता धर्म का सकारात्मक लाभ लेने में सक्षम नहीं हो पाते हैं, वह नकारात्मक ढंग से धर्म-संस्कृति और शास्त्रों पर सवाल खड़े करते हैं.
डॉ एचएस त्रिपाठी राजीव गांधी जी की सरकार के समय में तकनीकी वृद्धि और शिक्षा व्यवस्था में टेक्नोलॉजी का पाठ्यक्रम, व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को ज्यादा जोर देते हुए शिक्षा नीति1986 बनाई गयी थी और…
सदन में सर्वप्रिय होना आसान नहीं होता, धनखड़ ने इस दिशा में पहल की है। वे कानूनविद तो हैं ही, नेता भी हैं। उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता।
सियासत का जो माहौल दिखाई पड़ रहा है उससे तो यह लगने लगा है कि यह व्यवस्था संभालने के बदले अव्यवस्था निर्मित करने का काम कर रही है।
परवेज की क्रूरता, उसके अंग-प्रत्यंग से टपकती थी। परवेज खुशनसीब था या नहीं, लेकिन बदनसीब जरूर था क्योंकि उसे मरने के लिए भी अपने वतन में जगह नहीं मिली।
बीते 10 माह में बहुत कुछ बदल गया है। मैं इस पत्र में देश-दुनिया की बात नहीं करूंगा। क्योंकि तुम्हारे साथ बीत रहा वक्त मेरे लिये सबसे मूल्यवान है। मैं लाख चाह लूं…
इस संगीत की महफिल से पहले कुछ सेमिनार जैसा भी हुआ। विषय था - राहत इंदौरी मकबूलियत से महबूबियत तक
नए साल में ख़ुश रहने के लिए अब हमें किसी का हमसे इतना भर पूछ लेना भी काफ़ी मान लेना होगा कि : ’नया साल मुबारक, सब कुछ ठीक तो है न ?’
‘जादूनामा’ में जावेद अख्तर की शायरी है, तो उनकी जीवन साथी शबाना आज़मी, उनके छोटे भाई मनोचिकित्सक सलमान अख़्तर, बेटे फरहान अख़्तर और बेटी ज़ोया अख़्तर और उनसे जुड़े लखनऊ, अलीगढ़ और भोपाल…
2018 में भाजपा की हार के बाद कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार स्थापित हुई थी। शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। इस तरह सिंहस्थ का…
राष्ट्रभक्ति पर भी राजनीति की अनीति करने से गुरेज नहीं किया जाता। भेदभाव आज राजनीति की जरूरत और सफलता का पैमाना बन गया है। वक्त के साथ राजनीति में बदलाव दिख रहा है।
फुटबॉल से जुड़ी तमाम श्रेष्ठ उपलब्धियां मेसी के खाते में पहले ही दर्ज थीं। दुनिया के श्रेष्ठ फुटबॉलर का अवार्ड उन्हें रिकॉर्ड सात बार मिला है। अर्जेंटीना की तरफ से सर्वाधिक गोल दागने…
एक दिन साथ चलते हुए राहुल गांधी जी ने मुझसे कहा था भारत एक महान यात्रा का नाम है।