बाबा साहब के नाम पर बहुत सारे आयोजन और कर्मकांड हो रहे हैं. लेकिन उनके विचार, उनके लेखन और उनकी रचनाओं को लोगों के बीच पहुंचाने की कोशिश सिरे से गायब है।
विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रत्याशियों से इन मुद्दों को उठाने का अनुरोध किया, इनमें विस्थापन, सिंचाई परियोजनाओं और आदिवासी समाज के विषय अहम हैं।
कांग्रेस के नये घोषणापत्र ,जिसके प्रति गौरव वल्लभ ने आपत्ति ज़ाहिर की है, ने खादी के भीतर कट्टर हिंदुत्व के गंडे-ताबीज़ छुपाए बैठी सभी सांप्रदायिक-राष्ट्रवादी ताक़तों के लिए हर तरह की गुंजाइशें ख़त्म…
लोकसभा चुनावों को लेकर ताज़ा चिंताएँ यह हैं कि संपूर्ण विपक्ष ने संगठित होकर जिस तरह की चुनौती भाजपा के सामने पेश की है प्रधानमंत्री उसका मुक़ाबला लोकतांत्रिक तरीक़ों से ही करेंगे कि…
तमाम अवरोधों के बावजूद अगर राहुल गांधी मोहब्बत के शहर आगरा में अखिलेश की प्रतीक्षा कर रहे थे तो इसके पीछे के कारण को यूँ समझा जा सकता है कि चुनाव का कुरुक्षेत्र…
प्रधानमंत्री और भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों ने सोचा नहीं होगा कि कमलनाथ प्रसंग से पार्टी की छवि को अंदर और बाहर दोनों ओर से इतना बड़ा धक्का लगेगा !
बिहार की जड़ों से जुड़े लोग दावे से कहते हैं कि मुख्यमंत्री के पद पर लंबे समय रहकर मोदी के रिकॉर्ड से बराबरी करने वाले नीतीश की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएँ प्रधानमंत्री से कम नहीं…
मुड़कर देखा जाना चाहिए कि राम लला के लिए हज़ारों करोड़ की लागत से बने भव्य मंदिर के परिसर में बैरिकेड्स के पीछे शांत भाव से सजे-धजे और मूक बने बैठे वे सात-आठ…
ऐतिहासिक यात्रा के दौरान कभी एक क्षण ऐसा भी आ सकता है जब राहुल गांधी स्वयं से सवाल करने लगें कि भारत की जिस तस्वीर को वे बदलना चाह रहे हैं वह अगर…
बॉक्स ऑफिस पर फ़िल्मों के लगातार फ्लॉप होने के संताप से जूझ रहे फ़िल्म उद्योग को सत्ता की राजनीति ने सफलता का गुर सिखा दिया है।
संसद की नई इमारत के निर्माण और गरिमापूर्ण धार्मिक आयोजन के बीच संपन्न हुई ऐतिहासिक ‘राजदंड’ की स्थापना के साथ कल्पना यही की गई थी कि देश के संसदीय प्रजातंत्र में एक नए…
दो साल पहले पश्चिम बंगाल में हुए चुनावों में तृणमूल की विजय के बाद पंजाब में ‘आप’ और हिमाचल, कर्नाटक, तेलंगाना में कांग्रेसकी जीत पर आलोचकों के बीच सुगबुगाहट भी नहीं हुई कि…
मध्यप्रदेश में भाजपा के मुक़ाबले कांग्रेस की उपलब्धि उसे प्राप्त कुल सीटों (66) और वोट शेयर (40.4%) से अधिक इस बात से आंकना चाहिए कि उसका मुक़ाबला कितनी बड़ी ताक़त और उसे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष…
प्रधानमंत्री ने अपने प्रथम कार्यकाल की शुरुआत ही देश को कांग्रेस से मुक्त करने के नारे के साथ की थी। अब तीसरी पारी की शुरुआत के पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी को…
शिवराज के प्रति ‘नज़र आती’ नाराज़गी का क्या एक कारण यह भी हो सकता है कि योगी की तरह ही ये मुख्यमंत्री भी सत्ता का एक केंद्र बन गए हैं।
पीएम ने छत्तीसगढ़ की एक चुनावी सभा में योजना को पाँच और सालों के लिए बढ़ाने की घोषणा नवम्बर के पहले सप्ताह में ही कर दी। पीएम की घोषणा पर लाभार्थियों ने इसलिए…
पार्टी प्रत्याशियों की चौथी सूची जारी होने के पहले तक जो भावपूर्ण ड्रामा शिवराज सिंह के चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं ने देखा वह प्रदेश की राजनीति और भाजपा के लिए नया अनुभव था।
चुनाव में हार के बाद मुंबई में आयोजित भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में तय हुआ कि लालकृष्ण आडवाणी प्रतिपक्ष और पार्टी के अध्यक्ष दोनों अपने पदों पर बने रहेंगे। इसके बाद, लोग सोचने…
67. 06 % के साक्षरता दर वाला राजस्थान राजनीतिक समझ के लिहाज से अपेक्षाकृत काफी सजग है। बंधी बंधाई लीक पर चलने की बजाय किसी भी सरकार को काम करने का अवसर दे…
जिस तरह की परिस्थिति है उसमें कोई ईश्वरीय चमत्कार या भाजपा-विरोधी सूनामी ही एमपी में कांग्रेस को कर्नाटक बना सकती है। ऐसा नहीं हुआ तो दिग्विजय सिंह के इस दावे की पोल खुल…