श्रवण गर्ग इस बात पर ज़ोर देते हैं कि मध्य प्रदेश में 28 जगह इतने महत्वपूर्ण चुनाव हैं, लेकिन बीजेपी के स्टार कैम्पेनर प्रधानमंत्री नहीं आए
क्या यह मान लिया जाय कि मध्यप्रदेश सिर्फ एक प्रशासनिक इकाई है किसी क्षेत्रीयता के बोध के बिना? पर यह तो वही बात है जो जवाहरलाल नेहरू चाहते थे! फिर तो हम ही…
मुद्दा यह भी है कि नीतीश के खिलाफ़ नाराज़गी कितनी ‘प्राकृतिक’ है और कितनी ‘मैन्यूफैक्चर्ड’। और यह भी कि भाजपाई शासन वाले राज्यों के मुक़ाबले बिहार की स्थिति कितनी ख़राब है? किसी समय…
विचार तो अपने आप में महत्वपूर्ण होते ही हैं, जो सीधा दिल पर दस्तक देते हैं। इसके साथ ही अगर विचारों को सुंदर लिखावट में पेश किया जाए, तो यह पढ़ने वालों की…
इस्लाम के इतिहासकार बताते हैं कि पैगम्बर मोहम्मद के दो सौ साल बाद तक इस्लाम में ईशनिंदा संबंधी कोई कानून नहीं था. यह कानून नौवीं शताब्दि में अबासिद शासनकाल में पहली बार बना.…
बिहार पर बहुत बात हो रही है। लगभग एक तरह की ही बात हो रही है। बदलते मौसम की बात करना वैसे भी सबसे बड़ा शगल है हमारे समाज का। चुनाव के संदर्भ…
अर्नब गोस्वामी की अगुआई वाले रिपब्लिक टीवी ने हाल ही में एक सनसनीख़ेज़ खबर प्रसारित की थी कि, पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के निर्णयों से मुंबई पुलिस के जवानों में ‘विद्रोह’ की स्थिति…
सभ्याताओं के टकराव के सिद्धांत ने अमरीका और उसके सहयोगी देशों के सैन्य अभियानों को सैद्धांतिक आधार प्रदान किया. ये हमले दरअसल केवल और केवल कच्चे तेल के उत्पादक क्षेत्रों पर कब्जा जमाने…
यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि हाथरस और उसी तरह की अन्य घटनाओं से यह स्पष्ट है कि उत्तरप्रदेश में कानून का राज नहीं है वरन् ऊंची जातियों का शासन है। वहां की…
कांग्रेस में वे कुछेक नेताओं में से एक थे और कहा जाए तो प्रदेश के सबसे मजबूत युवा चेहरे थे लेकिन भाजपा में नेताओं की एक बड़ी कतार या कहें तो भीड़ है।…
इन युवाओं और किशोरों को समझ नहीं आ रहा है उनके लिए अभी पूरा जीवन पड़ा है - देश के हालात क्या है - आजीविका की समस्या किस कदर बढ़ गई है, वे…
मोहन भागवत एक बहुत ही विचारशील व्यक्ति हैं। ऐसा माना जाता है कि वे काफ़ी सोच-विचारकर ही कुछ कहते हैं, जिसमें यह भी शामिल होता है कि उनके कहे के बाद उसकी धार्मिक-राजनीतिक…
एक वर्ष पूर्व (अक्टूबर 10, 2019) आरएसस के मुखिया मोहन भागवत ने कहा था कि भारत में रहने वाले मुसलमान हिन्दुओं के कारण दुनिया में सर्वाधिक सुखी हैं। अब वे एक कदम आगे…
व्याख्यान का विषय था: “उच्चतम न्यायालय का पतन: कहां खो गईं आजादियां, कहां गए अधिकार”। कार्यक्रम की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ एडवोकेट दुष्यंत दवे ने की। इस अवसर पर…
यह ध्यान रखना होगा कि महिलाओं या बेटियों की जिम्मेदारी पुलिस, सरकार या कार्यपालिका पर डालने से कुछ नहीं होगा। यह आधी आबादी हमारे घरों की है। हमारी है और जब तक पितृ…
हम केवल ऊपरी तौर पर ही अनुमान लगा रहे हैं कि हाथरस ज़िले के एक गांव में एक दलित युवती के साथ हुए नृशंस अत्याचार और उसके कारण हुई मौत से सरकार डर…
आमतौर पर परिवार के लोग यह नहीं चाहते कि महिलाएं ड्राईविंग और मैकेनिक जैसे रोजगार से जुड़ें, क्योंकि इन दोनों ही रोजगार में महिलाओं को घर से बाहर जाना पड़ता है। वर्ष 2015…
इस मामले को मार्केटिंग की नजर से भी देखना चाहिए । बूढ़ा ढाबे वाला लोगों को बिल पर भले ही दाल मखानी लिखकर दे रहा हो पर असल उत्पाद दिल पर मक्खन लगाने…
क्या आप नहीं जानते कि आप उस समाज का हिस्सा हैं , जो यह मानता है कि व्यक्ति अपने जन्म की वजह से ऊंचा या नीचा हो सकता है ! एक खास जाति…