क्या कोई पूछना चाहेगा कि एक सौ पैंतीस करोड़ देशवासियों के भविष्य से जुड़े फ़ैसले इस वक्त कौन या कितने लोग, किस तरह से ले रहे हैं ? हम शायद अपने आप से…
‘जन-जन के बीच’ की जिस दीवार को बर्लिन की दीवार की तरह ढहा देने की बात प्रधानमंत्री ने सवा दो साल पहले ‘गुरु पर्व ‘ के अवसर पर कही थी वह तो अब…
मिंत्रा के जिस लोगो पर विवाद हुआ है उसमें कई लोगों का कहना है उन्होंने वैसा अब तक कुछ नहीं देखा, जो अश्लील हो, हां जब से यह विवाद हुआ है, वे उस…
किसान आंदोलन को तय करना होगा कि उसकी अगली यात्रा में कितने और कौन लोग मार्च करने वाले हैं! उन्हें चुनने का काम काम कौन करने वाला है? गांधी चाहते तो उनके दांडी…
महिलाओं को लेकर यूपी पुलिस की 'चिंता' काबिले तारीफ है, मगर इसमें कुछ पेंच हैं। एक और बड़ा सवाल है। क्या यह कैमरे नागरिकों की भलाई के नाम पर सरकारी निगरानी के एक…
राजदीप अम्बानी-अदाणी को हो रहे नुक़सान की चर्चा करते हुए इस बात का ज़िक्र नहीं कर पाए कि किसी भी आंदोलन का इतना लम्बा चलना क्या यह संकेत नहीं देता कि सरकार के…
स्थानीय लोगों द्वारा यह भी बताया जाता है कि इस नरसंहार में कई पशु पक्षी भी मारे गए थे जिससे इस नरसंहार में के कारण उर्मिल नदी का पानी पूरी तरह से खून…
ट्विटर द्वारा ट्रम्प के अकाउंट को बंद करने का आधार यही बनाया गया है कि पदासीन राष्ट्रपति के उत्तेजक विचारों से हिंसा और ज़्यादा भड़क सकती है।
अभी अंतिम रूप से स्थापित होना बाक़ी है कि डॉनल्ड ट्रम्प हक़ीक़त में भी राष्ट्रपति पद का चुनाव हार गए हैं। इस सत्य की स्थापना में समय भी लग सकता है जो कि…
यह भयावह निगरानी पूंजीवाद हमारे चारों तरफ व्याप्त है। इसकी भयानकता को समझने में बड़े बड़े बुद्धिजीवी भी चूक कर रहे हैं।
जब लोकतंत्र के रास्ते से एक कमअक्ल, मूर्ख और सनकी आदमी किसी देश की सत्ता पर काबिज हो जाता है तो वही होता है जो अमेरिका में हुआ है। रिपब्लिकन पार्टी की हार…
सरकार ने मान लिया कि जनता सिर्फ़ उसी के साथ है। जो लोग आंदोलनकारियों के साथ हैं वह जनता ही नहीं है। सरकार अब जो चाहेगी वही करेगी। वह ज़रूरत समझेगी तो देश…
मुमकिन है इस नए साल की सुबह हर बार की तरह बहुत सारे लोगों से मिल या बातें नहीं कर पाए हों। हम जानते हैं कि खिलखिला कर ख़ुशियाँ बिखेरने वाली कुछ आत्मीय…
ईसा मसीह के जन्मदिन पच्चीस दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण इस बार इतना ज़्यादा क्यों किया गया? अटलजी का जन्म भी 25 दिसम्बर के दिन ही हुआ…
भारतीय जनता पार्टी के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया एक तरह से विजय की शील्ड हैं। पार्टी के शीर्ष नेता कांग्रेस मुक्त भारत चाहते थे और इसके लिए प्रयास भी कर रहे थे। साल 2014…
केवल एक औरत को न्याय मिलने में लगभग तीन दशक लग गए। इस दौरान वह सब कुछ हुआ जो हो सकता था।जैसा कि कठुआ, उन्नाव, हाथरस और अन्य सभी जगह हो रहा है।एक…
यह सुझाव जिसने भी दिया वह सरसरी तौर पर तो सराहनीय लगता है पर इसके प्रैक्टिकल क्रियान्वयन को लेकर सोचिए कि क्या-क्या होगा, हर कार्यक्रम में बेटी कौन, किस जाति और वर्ग की…
हालात ऐसे ही रहे तो एक दिन स्थिति ऐसी भी आ सकती है कि लोग संसद की ज़रूरत के प्रति ही संज्ञा शून्य हो जाएँ , वे संसद की ओर कान लगाकर कुछ…
एलएस हरदेनिया। आजादी के बाद दो महाआंदोलन हुए जिनके सामने तत्कालीन केंद्रीय सरकारों को झुकना पड़ा। इनमें से पहला आंदोलन 1956-57 में हुआ था और दूसरा 1965 में। पहले आंदोलन का संबंध महाराष्ट्र…
ज्यादा अहम बात यह है कि भारत की खेती के क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश और निर्यात बाज़ारों पर अधिक निर्भरता देश की खेती में फसलों के चयन को बदल देगी। इससे…