व्याख्यान का विषय था: “उच्चतम न्यायालय का पतन: कहां खो गईं आजादियां, कहां गए अधिकार”। कार्यक्रम की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ एडवोकेट दुष्यंत दवे ने की। इस अवसर पर…
यह ध्यान रखना होगा कि महिलाओं या बेटियों की जिम्मेदारी पुलिस, सरकार या कार्यपालिका पर डालने से कुछ नहीं होगा। यह आधी आबादी हमारे घरों की है। हमारी है और जब तक पितृ…
हम केवल ऊपरी तौर पर ही अनुमान लगा रहे हैं कि हाथरस ज़िले के एक गांव में एक दलित युवती के साथ हुए नृशंस अत्याचार और उसके कारण हुई मौत से सरकार डर…
आमतौर पर परिवार के लोग यह नहीं चाहते कि महिलाएं ड्राईविंग और मैकेनिक जैसे रोजगार से जुड़ें, क्योंकि इन दोनों ही रोजगार में महिलाओं को घर से बाहर जाना पड़ता है। वर्ष 2015…
इस मामले को मार्केटिंग की नजर से भी देखना चाहिए । बूढ़ा ढाबे वाला लोगों को बिल पर भले ही दाल मखानी लिखकर दे रहा हो पर असल उत्पाद दिल पर मक्खन लगाने…
क्या आप नहीं जानते कि आप उस समाज का हिस्सा हैं , जो यह मानता है कि व्यक्ति अपने जन्म की वजह से ऊंचा या नीचा हो सकता है ! एक खास जाति…
पिछले दिनों अनेक ऐसी घटनाएं हुईं हैं जिनसे ऐसा प्रतीत होता है कि गांधीजी को राष्ट्रपिता मानने वाले देश में ही उनके हत्यारे के हिन्दू राष्ट्रवाद का प्रभाव बढ रहा है. यह तब…
किसानों के बारे में लाए गए विधेयकों पर राज्यसभा में जिस तरह का हंगामा हुआ है, क्या इससे हमारी संसद की इज्जत बढ़ी है ? दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा देश भारत है।…