आरएसएस और उसके संगी-साथी बड़े पैमाने पर अंबेडकर जयंती मनाते हैं। सन् 2016 में ऐसे ही एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि वे अंबेडकर भक्त हैं। उन्होंने…
प्रशांत भूषण, महाराष्ट्र-दिल्ली की सत्ताओं और देश की जनता को तब ऐसी कोई कल्पना रही होगी कि अर्नब गोस्वामी नामक एक चर्चित पर विवादास्पद टीवी पत्रकार ऐसा इतिहास बनाने वाले हैं कि न्याय…
केवल एक व्यक्ति और उसके मीडिया प्रतिष्ठान के पक्ष में एक सौ पैंतीस करोड़ के देश के गृह मंत्री और प्रसारण मंत्री द्वारा सार्वजनिक तौर पर सहानुभूति व्यक्त करना क्या उस मीडिया की…
जहां भारत में सार्वजनिक विमर्श में धर्मनिरपेक्षता पर चर्चा कम हो रही है और उसे लांछित किया जा रहा है वहीं फ्रांस में बहुत आक्रामक तरीके से धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत की रक्षा की…
इलाहबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक हालिया निर्णय में कहा है कि दो विभिन्न धर्मो के व्यक्तियों के परस्पर विवाह के लिए धर्मपरिवर्तन करना अनुचित है क्योंकि विशेष विवाह अधिनियम में अलग-अलग धर्मों…
मध्य प्रदेश के नतीजों में जनता के लिए यही जानना दिलचस्पी का विषय रह गया है कि सिंधिया के जो प्रमुख समर्थक शिवराज मंत्रिमंडल में अभी ऊंची जगहें बनाए हुए हैं (या मतदान…
इस वक्त ट्रंप और बाइडन के सैकड़ों वकीलों ने अदालतों में जाने की पूरी तैयारी कर रखी है। हो सकता है, इस अमेरिकी चुनाव के फैसले में काफी देर लग जाए और अंतिम…
क्या यह मान लिया जाय कि मध्यप्रदेश सिर्फ एक प्रशासनिक इकाई है किसी क्षेत्रीयता के बोध के बिना? पर यह तो वही बात है जो जवाहरलाल नेहरू चाहते थे! फिर तो हम ही…
मुद्दा यह भी है कि नीतीश के खिलाफ़ नाराज़गी कितनी ‘प्राकृतिक’ है और कितनी ‘मैन्यूफैक्चर्ड’। और यह भी कि भाजपाई शासन वाले राज्यों के मुक़ाबले बिहार की स्थिति कितनी ख़राब है? किसी समय…
इस्लाम के इतिहासकार बताते हैं कि पैगम्बर मोहम्मद के दो सौ साल बाद तक इस्लाम में ईशनिंदा संबंधी कोई कानून नहीं था. यह कानून नौवीं शताब्दि में अबासिद शासनकाल में पहली बार बना.…
बिहार पर बहुत बात हो रही है। लगभग एक तरह की ही बात हो रही है। बदलते मौसम की बात करना वैसे भी सबसे बड़ा शगल है हमारे समाज का। चुनाव के संदर्भ…
अर्नब गोस्वामी की अगुआई वाले रिपब्लिक टीवी ने हाल ही में एक सनसनीख़ेज़ खबर प्रसारित की थी कि, पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के निर्णयों से मुंबई पुलिस के जवानों में ‘विद्रोह’ की स्थिति…
सभ्याताओं के टकराव के सिद्धांत ने अमरीका और उसके सहयोगी देशों के सैन्य अभियानों को सैद्धांतिक आधार प्रदान किया. ये हमले दरअसल केवल और केवल कच्चे तेल के उत्पादक क्षेत्रों पर कब्जा जमाने…
यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि हाथरस और उसी तरह की अन्य घटनाओं से यह स्पष्ट है कि उत्तरप्रदेश में कानून का राज नहीं है वरन् ऊंची जातियों का शासन है। वहां की…
इन युवाओं और किशोरों को समझ नहीं आ रहा है उनके लिए अभी पूरा जीवन पड़ा है - देश के हालात क्या है - आजीविका की समस्या किस कदर बढ़ गई है, वे…
मोहन भागवत एक बहुत ही विचारशील व्यक्ति हैं। ऐसा माना जाता है कि वे काफ़ी सोच-विचारकर ही कुछ कहते हैं, जिसमें यह भी शामिल होता है कि उनके कहे के बाद उसकी धार्मिक-राजनीतिक…
एक वर्ष पूर्व (अक्टूबर 10, 2019) आरएसस के मुखिया मोहन भागवत ने कहा था कि भारत में रहने वाले मुसलमान हिन्दुओं के कारण दुनिया में सर्वाधिक सुखी हैं। अब वे एक कदम आगे…
व्याख्यान का विषय था: “उच्चतम न्यायालय का पतन: कहां खो गईं आजादियां, कहां गए अधिकार”। कार्यक्रम की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ एडवोकेट दुष्यंत दवे ने की। इस अवसर पर…
यह ध्यान रखना होगा कि महिलाओं या बेटियों की जिम्मेदारी पुलिस, सरकार या कार्यपालिका पर डालने से कुछ नहीं होगा। यह आधी आबादी हमारे घरों की है। हमारी है और जब तक पितृ…
हम केवल ऊपरी तौर पर ही अनुमान लगा रहे हैं कि हाथरस ज़िले के एक गांव में एक दलित युवती के साथ हुए नृशंस अत्याचार और उसके कारण हुई मौत से सरकार डर…