नागरिकों के लिए जिज्ञासा का विषय हो सकता है कि अपने विरोधियों के प्रति इतनी नाराज़गी के साथ भी एक अत्यंत शांत स्थल पर इतने कष्ट-साध्य ध्यान-योग में सफलतापूर्वक चित्त लगा लेने के…
यह केवल ऊपरी बात है कि अमेठी में लड़ाई राजनीति और टेलीविज़न की नेत्री-अभिनेत्री और गांधी परिवार के एक सहयोगी-कार्यकर्ता के बीच है। हक़ीक़त में अमेठी में प्रधानमंत्री मोदी, यूपी की पूरी हुकूमत…
शहर की नाराज़गी के मद्देनज़र भाजपा नेताओं के इस संकट को समझा जा सकता है कि उनके प्रत्याशी को अगर पिछली बार जितने वोट नहीं मिले और/या कांग्रेस को प्राप्त हो सकने वाले…
सबसे ज़्यादा मानसिक कष्ट में भाजपा के उम्मीदवार को माना जा सकता है कि वह दिल्ली पहुँचकर मुँह कैसे दिखाएँगा कि किसे और कितने मतों हराकर संसद में पहुँचा है !
जो लोग सार्वजनिक तौर पर दावे करते हैं कि वे प्रधानमंत्री को बहुत चाहते हैं हक़ीक़त में मोदी की छवि का उपयोग स्वयं के डरने में भी कर रहे हैं और दूसरों को…
प्रधानमंत्री के कहे पर जनता को किस तरह से यक़ीन करना चाहिए ? पीएम अपनी जनसभाओं में ऊँची आवाज़ में कहते हैं कि बाबासाहब आम्बेडकर भी आ जाएँ तो संविधान नहीं बदलेगा। दूसरी…
बाबा साहब के नाम पर बहुत सारे आयोजन और कर्मकांड हो रहे हैं. लेकिन उनके विचार, उनके लेखन और उनकी रचनाओं को लोगों के बीच पहुंचाने की कोशिश सिरे से गायब है।
विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रत्याशियों से इन मुद्दों को उठाने का अनुरोध किया, इनमें विस्थापन, सिंचाई परियोजनाओं और आदिवासी समाज के विषय अहम हैं।
कांग्रेस के नये घोषणापत्र ,जिसके प्रति गौरव वल्लभ ने आपत्ति ज़ाहिर की है, ने खादी के भीतर कट्टर हिंदुत्व के गंडे-ताबीज़ छुपाए बैठी सभी सांप्रदायिक-राष्ट्रवादी ताक़तों के लिए हर तरह की गुंजाइशें ख़त्म…
लोकसभा चुनावों को लेकर ताज़ा चिंताएँ यह हैं कि संपूर्ण विपक्ष ने संगठित होकर जिस तरह की चुनौती भाजपा के सामने पेश की है प्रधानमंत्री उसका मुक़ाबला लोकतांत्रिक तरीक़ों से ही करेंगे कि…
तमाम अवरोधों के बावजूद अगर राहुल गांधी मोहब्बत के शहर आगरा में अखिलेश की प्रतीक्षा कर रहे थे तो इसके पीछे के कारण को यूँ समझा जा सकता है कि चुनाव का कुरुक्षेत्र…
प्रधानमंत्री और भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों ने सोचा नहीं होगा कि कमलनाथ प्रसंग से पार्टी की छवि को अंदर और बाहर दोनों ओर से इतना बड़ा धक्का लगेगा !
बिहार की जड़ों से जुड़े लोग दावे से कहते हैं कि मुख्यमंत्री के पद पर लंबे समय रहकर मोदी के रिकॉर्ड से बराबरी करने वाले नीतीश की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएँ प्रधानमंत्री से कम नहीं…
मुड़कर देखा जाना चाहिए कि राम लला के लिए हज़ारों करोड़ की लागत से बने भव्य मंदिर के परिसर में बैरिकेड्स के पीछे शांत भाव से सजे-धजे और मूक बने बैठे वे सात-आठ…
ऐतिहासिक यात्रा के दौरान कभी एक क्षण ऐसा भी आ सकता है जब राहुल गांधी स्वयं से सवाल करने लगें कि भारत की जिस तस्वीर को वे बदलना चाह रहे हैं वह अगर…
बॉक्स ऑफिस पर फ़िल्मों के लगातार फ्लॉप होने के संताप से जूझ रहे फ़िल्म उद्योग को सत्ता की राजनीति ने सफलता का गुर सिखा दिया है।
संसद की नई इमारत के निर्माण और गरिमापूर्ण धार्मिक आयोजन के बीच संपन्न हुई ऐतिहासिक ‘राजदंड’ की स्थापना के साथ कल्पना यही की गई थी कि देश के संसदीय प्रजातंत्र में एक नए…
दो साल पहले पश्चिम बंगाल में हुए चुनावों में तृणमूल की विजय के बाद पंजाब में ‘आप’ और हिमाचल, कर्नाटक, तेलंगाना में कांग्रेसकी जीत पर आलोचकों के बीच सुगबुगाहट भी नहीं हुई कि…
मध्यप्रदेश में भाजपा के मुक़ाबले कांग्रेस की उपलब्धि उसे प्राप्त कुल सीटों (66) और वोट शेयर (40.4%) से अधिक इस बात से आंकना चाहिए कि उसका मुक़ाबला कितनी बड़ी ताक़त और उसे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष…
प्रधानमंत्री ने अपने प्रथम कार्यकाल की शुरुआत ही देश को कांग्रेस से मुक्त करने के नारे के साथ की थी। अब तीसरी पारी की शुरुआत के पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी को…