पंजाब के अफ़सरों को प्रधानमंत्री ने जो भी कहा होगा उसकी आधिकारिक पुष्टि होना अभी बाक़ी है। हो सकता है कि इस संबंध में प्रधानमंत्री के कुछ बोलने तक वह पुष्टि न भी…
गांधी जी की आजादी के महानायक की छवि को हो सकता है कोई षड्यंत्र भंग कर भी दे, लेकिन एक त्यागी पुरुष और महात्मा की उनकी छवि पर कितने भी दुष्प्रचार कर लिए…
अगर भारत की राजनीति में विचारधारा की प्रतिस्पर्धा को कायम रखना है तो कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को हिंदुत्व की राजनीति के खिलाफ समान्तर नैरेटिव के बारे में सोचना होगा नहीं तो उनकी…
प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के एक साक्षात्कार में इस कथन पर चिंता के साथ गौर किया जा सकता है कि 'ये लोग (धर्म संसद के वक्ता) नहीं जानते कि वे क्या कह…
हरिद्वार, आगरा से लेकर गुरुग्राम तक, त्रिपुरा से लेकर कर्नाटक तक, नमाज़ से लेकर चर्च की प्रार्थना सभा तक अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के…
हम जिस सिख समाज को अपनी आँखों का नूर मानते आए हैं वह इस तरह के भीड़-न्याय को निश्चित ही स्वीकृति नहीं प्रदान कर सकता।
नागरिकों को ऐसे कालखंड में धकेला जा रहा जो उन्हें किसी काल्पनिक मोक्ष की प्राप्ति तो करवा सकता है पर साक्षात रोटी-रोज़गार नहीं दिला सकता!
यह विजय जिस महान जनरल और युद्ध रणनीतिकार एच.एफ. मानेकशा और रॉ चीफ आर.एन. काव की रणनीति तथा रक्षा, विदेश और गृह मंत्रालय के आदर्श तालमेल का परिणाम थी, उन्हें शायद ही किसी…
बिहार के जाने-माने पत्रकार जुगनू शारदेय का 15 दिसंबर को दिल्ली के एक वृद्धाश्रम में निधन हो गया। वह निमोनिया से ग्रस्त हो गए थे और उन्हें वृद्धाश्रम की गढ़मुक्तेश्वर स्थित शाखा से…
इस पूरी और आगे तक चलने वाली परियोजना का संदेश भले चुनावी ही क्यों न हो, लेकिन इस सवाल को जन्म देता है कि इसके पहले किसी ने ऐसा करने का साहस क्यों…
देश के प्रतिरक्षा प्रतिष्ठानों के चेहरों पर इस दुर्घटना के कारण खिंचने वाली लकीरों को पढ़कर नागरिक राष्ट्र के सुरक्षा इंतज़ामों के प्रति कितने यक़ीन के साथ निश्चिंत हो सकेंगे ?
उत्तर भारत के लोग नंदीग्राम के बाद ममता का कांग्रेस के ख़िलाफ़ चण्डी पाठ प्रारम्भ करने का सही कारण तलाशना चाह रहे हैं।
सरकारें जब सत्ता की बंधक हो जाती हैं तो जनता को भी बंधुआ मज़दूर मानने लगती है।
कंगना अब एक व्यक्ति से ऊपर उठाकर एक ‘प्रयोग’ बन गईं हैं। वे चाहें तो ‘मेरे असत्य के प्रयोग’ शीर्षक से अपनी आत्मकथा भी लिख सकतीं हैं।
भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश का महत्व इस तथ्य से समझा जा सकता है कि चुनाव तो पाँच राज्यों में होने जा रहे हैं पर दिल्ली बैठक में सिर्फ़ योगी ही उपस्थित/आमंत्रित थे।
अदालत ने सरकारी रवैए की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर उसे कुछ भी उटपटांग काम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
मूलतः कन्नड़ भाषी पर अनेक देसी-विदेशी भाषाओं के जानकार सुब्बाराव जी की विशेषता यही थी कि वे लगातार चलते रहते थे।
सुब्बाराव गांधीवादी थे लेकिन उन्हें संघी वर्दी पसंद थी। हाफ पेंट और भक्क सफेद बिना कलफ की कमीज जिंदगी भर उनसे चिपकी रही। उन्होंने जघन्य अपराध करने वाले डाकुओं का दिल जीता तो…
सरसरी तौर पर देखा जाए तो असली हितधारक या अंग्रेजी में कहें तो स्टैक्होल्डर को पुनः छला गया है। जब तक उन्हें सच मालूम पड़ता कि उनकी मांग को एक दूसरी दिशा में…
अमीर इसी तरह अरबपति होते रहे और गरीब और ज़्यादा गरीब तो किसी दिन वैज्ञानिकों को ऐसा टीका भी ईजाद करना पड़ सकता है जो सौ करोड़ नागरिकों को भूख के ख़िलाफ़ भी…