मोदी ने वर्ष 2001 में गुजरात विधान सभा में पहली बार प्रवेश मुख्यमंत्री के तौर पर ही किया था और फिर गांधीनगर से सीधे संसद में भी प्रधानमंत्री के तौर पर ही दाखिल…
‘विश्व गुरु’ बनने जा रहे भारत देश के प्रधानमंत्री को अगर अपना बहुमूल्य तीन घंटे का समय सिर्फ़ एक निरीह विपक्षी दल के इतिहास की काल-गणना के लिए समर्पित करना पड़े तो मान…
मेरी अब तक की कुल जमा जिंदगी का "प्रेम" ही हासिल है। यही मेरी असल पूँजी है। इसलिए मैं मेरी मिल्कियत से तुम्हें ये प्रेम की अपार सम्पदा ही सौंप पाऊंगा। शेष अगले…
लता जी, आप चाहे सशरीर अब हमारे बीच न रही हों, लेकिन हमारी आत्मा के तारों को झंकृत करने वाले अपने संगीत की अमृत-विरासत आप हमें सौंप गई हैं। हम धन्य हुए जो…
ये सवाल इसलिए क्योंकि बात केवल सुस्वरा होने की नहीं है, परफेक्शनिस्ट होने की भी नहीं है और कला की धर्म और मर्मध्वजा लहराने की तो बिल्कुल भी नहीं है। बात जहां से…
जब नेता का जमीर ही नीलामी पर हो, तो केवल जनता ही उसे दंड दे सकती है। लेकिन अफसोस कि जनता खुद अपने जमीर को तलाश रही है और नेताओं की सत्यनिष्ठा पर…
ऐसे मामलों में नैतिकता का क्या तकाजा हो सकता है जिनमें विदेशी संसाधनों की मदद लेकर स्थापित लोकतंत्र की बुनियादों को कमजोर करने की नियोजित कोशिशें की जातीं हों?
आमतौर पर बजट में वित्त मंत्री ट्वेंटी ट्वेंटी क्रिकेट की तरह राहतों और तोहफों के चौके छक्के मारना पसंद करते हैं। लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने शायद टेस्ट मैच की मानसिकता से…
प्रिय मुनिया, आज तुम्हें इस कायनात में कदम रखे हुए पूरे तीन दिन होने वाले हैं। 27 जनवरी की शाम 7.23 बजे तुमने इस खूबसूरत दुनिया में अपनी आँखें खोली हैं। ये वो…
आग्रह, दुराग्रह और पूर्वाग्रह पत्रकारिता के ऐसे नासूर हैं जिनको त्यागे बिना आप कभी अपने पेशे से न्याय नहीं कर सकते। पर दुर्भाग्य से समकालीन पत्रकारिता में इसकी बहुतायात है।
कपड़ों के मामले में विदेशों के नेता भी साहसी नहीं होते। चीन के हों चाहे अमेरिका के, रूस के हों या आस्ट्रेलिया के, सबके पास एक जैसे कपड़े होते हैं। विविधता के मामले…
गांधी को समाप्त करने के लिए इतनी सारी ताक़तें एक साथ जुटी हुईं हैं और उन्हें बचाने के लिए कोई संगठित प्रयास गांधी-सर्वोदय समाज या नागरिकों के स्तर पर प्रकट नहीं हो रहे…
देखना दिलचस्प होगा कि गुंडों-माफियों से मुक्ति, जातीय या धार्मिक पहचान, महिलाओं को 40% टिकट के मुद्दे में से कौन सा मुद्दा यूपी की महिलाओं को आकर्षित करने में सफल होता है।
इस संकट में भारत की दुविधा बढ़ गई है। उसे बहुत फूंक-फूंककर कदम रखना होगा। यदि भारत में आज कोई बड़ा नेता होता तो वह दोनों महाशक्तियों के बीच मध्यस्थता कर सकता था।
दुखद स्थिति यह है कि चर्च से जुड़ी हुई अधिकांश नन् या सिस्टर्स समस्त अन्याय शांत भाव से स्वीकार करती रहतीं हैं। कोई अगर विरोध की आवाज़ उठाता भी है तो अधिकांश मामलों…
नृत्य के इस आधुनिक देवता को कल की पीढ़ी एक किंवदंती मानेगी लेकिन हमारी पीढ़ी गर्व से कह सकेगी कि हमने बिरजू महाराज को देखा है। उनका नृत्य अभिनय, भाव भंगिमाओं और अंग…
आज के दौर में पत्रकारिता से लेकर वाइट कॉलर जॉब और मनोरंजन से लेकर शिक्षा जगत तक सभी जगह कॉर्पोरेट कल्चर हावी है। रिडरशिप, व्यूवरशिप, क्लाइंट, कस्टमर, यूजर बढ़ाने की अंधी दौड़ लगी…
एक बड़ा फ़र्क़ अब के मुक़ाबले तब में यह ज़रूर था कि कांग्रेस की अंदरूनी तोड़फोड़ में कोई बाहरी हाथ नहीं हुआ करता था।
मैं या मेरे परिवार का कोई सदस्य तो आज तक जावेद के सैलूनों में नहीं गए, क्योंकि हमारी हैसियत इस लायक नहीं है, किन्तु जो जाते रहे हैं वे भी अब सोचने लगे…
इस गंभीर घटना के बाद जिस तरह बचाव में बचकाने और आरोपों के रूप में जो ‘ठोकतांत्रिक’ बयान आ रहे हैं, वो दोनों ही घटना की संजीदगी को कम करते हैं। यह सही…