परिवार में एक पूजा के बाद प्रसाद स्वरूप भोजन के पैकेट किसी जरूरतमंद को जब देने निकला तो असहाय से दिखने वाले व्यक्ति ने ले तो लिया साथ ही फरमाईश भी कर दी…
हर आदमी का एक समय होता है। राजू श्रीवास्तव का भी समय था। उनका गुजरना उदारीकरण के पहले वाले हँसते-मुस्कुराते, संतुष्ट और सहज भारत में लोकरंजन के संभवतः आखिरी प्रतीक का जाना है।
अपना गजोधर आखिर रुलाकर चला गया, दुनिया को हँसाने वाले गजोधर को इस तरह नहीं जाना चाहिए था। 42 दिन तक हम सबने तुम्हारे वापस आने की प्रतीक्षा की। गजोधर यानि अपना राजू…
सरयूसुत मिश्रा। राहुल गांधी का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बड़ा आरोप है कि विपक्ष को संसद में बोलने नहीं दिया जाता। कांग्रेस जनता के मुद्दे उठाना चाहती है लेकिन सरकार विपक्ष की आवाज…
सूरत में 14 सितंबर, 2022 से दोदिवसीय द्वितीय राजभाषा सम्मेलन प्रारंभ हो रहा है, तो यह जरूरी है कि हम राजभाषा की विकास बाधाओं पर बात जरूर करें। यह भी पहचानें कि राजभाषा…
उत्सवों में आप एक ऐसी धर्मभीरु भीड़ के साथ होते हैं जो अपने आसपास के पर्यावरण से आँखें मूँद कर अपने आराध्य के दर्शन करती है और तमाम समस्याओं से निजात के लिए…
सीएम हेल्पलाइन के साथ ऐसा क्रूर मजाक सिस्टम की तबाही की बानगी है। जनता तो जी लेगी लेकिन ऐसा करने वाले कभी चैन से नहीं रह सकेंगे।
हिन्दुस्तान में ‘मास्टर प्लान’ तो बनते हैं लेकिन उन पर कभी भी ढंग से अमल नहीं होता। बढ़ती आबादी के दबाव को झेलते अधिकांश बड़े और मझोले शहरों में कब, क्या समस्या सर…
समाज राजनीति का निर्माण करता है तो राजनीति समाज का निर्माण करती है। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। सामाजिक पाप चल रहे हैं तो उन्हें चलने देने के लिए जनता जिम्मेदार मानी…
समाज की देखरेख में जब तक नदियां, जंगल, पहाड़, झरने, तालाब रहे, सब कुछ सुरक्षित रहा। जिस दिन सरकारी कब्जा हुआ और एनजीओ वालों की देखरेख में एक्शन प्लान बनने शुरू हुए।
ऐसा लगता है 100 साल पुरानी कांग्रेस यहां एक बार फिर जिंदा हो रही है। एक और बात यह की यह सब कांग्रेसी वैचारिक तौर पर भी काफी परिपक्व है। ऐसा नहीं कि…
फिसलती हुई जबानों का मजाक बनाना छोड़ दें, क्योकि आने वाले दिनों में ये जबानें ही हालात को बदलने वाली हैं। मूक जब वाचाल होता है तो उसका सामना करना आसान नहीं होता।…
जनसंघ से भाजपा में तब्दील हुई पार्टी की इंदौर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जड़ें मजबूत करने में बड़े भैया का खून-पसीना-पैसा-दमखम भी लगा है। बड़े भैया ने सहकारिता से जुड़े चुनावों में तो…
तमिलनाडु के वित्त मंत्री की टिप्पणी केंद्र और ग़ैर-भाजपाई राज्य सरकारों के बीच सम्बन्धों में बढ़ते टकराव का संकेत तो देती ही है, दो अन्य सवाल भी जगाती है।
आप भाजपा की ‘ बी’ टीम है। ये भी एक बार नहीं अनेक बार प्रमाणित हो चुका है। जहाँ भाजपा ‘लूज’ करती दिखाई देती है वहां आप खड़ी नजर आती है। दोनों ‘नूरा…
नीतीश कुमार ने अपने कदम से इतना तो सुनिश्चित कर ही दिया है कि जद(यू) और राजद सहित तमाम क्षेत्रीय दल भाजपा के बुलडोज़र के नीचे आने से अभी बच गए हैं।
प्रधानमंत्री के आह्वान की उपलब्धि इस बात को अवश्य माना जा सकता है कि तिरंगे को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ख़िलाफ़ आज़ादी के बाद से ही लगाए जा रहे रहे आरोप तात्कालिक…
राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति पद के चुनावों ने मुसलिमों को लेकर भाजपा और विपक्ष दोनों की हक़ीक़त उजागर कर दी है।गेंद अब मुसलिमों के पाले में है।
हिंदुत्व के कट्टरपंथी समर्थकों के लिए वह एक दुर्भाग्यपूर्ण क्षण रहा होगा कि गांधी को उनके शरीर के साथ ही विचार रूप में भी राजघाट पर जलाया नहीं जा सका।
संजय अकेले संघ के गहरे मजबूत नेटवर्क, बीजेपी की ताकत, बीजेपी की सरकार व सरकारी मशीनरी, इस सबसे से अकेले लड़ते रहे। संजय ने आखिर दम तक निजी संसाधनों के बूते किला लड़ाया।