महू के कार्यक्रम में दिखाई दी विश्वास खो रही राजनीति की नई सूरत, अक्षय बम और दरबार दोनों कोस रहे कांग्रेस को


वही जनता थी वे ही राजनीतिक कार्यकर्ता और वे ही नेता लेकिन इस बार बातें प्यार की थीं, कांग्रेस की टूट सामने है और भाजपा की सत्ता की शक्ति से ढ़की हुई


अरूण सोलंकी
अपनी बात Published On :

राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन अब तक राजनीति में विश्वास था जो अब शायद नहीं रहा है। दो दिनों पहले तक जहां कांग्रेस के इंदौर लोकसभा उम्मीदवार अक्षय कांति बम भाजपा को कोसते हुए अपना चुनाव प्रचार कर रहे थे वही अब दूसरे लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे हैं।

महू की बात करें तो अक्षय कांति बम दो दिन पुराने कांग्रेसी हैं तो अंतर सिंह दरबार दो महीने पुराने, जो अब भाजपा के लिए वोट मांग रहे हैं। बुधवार को महू में एक कार्यकर्ता सम्मेलन था जिसे अंतर सिंह दरबार ने आयोजित किया था। इस सम्मेलन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय,  राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार, पूर्व मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, भाजपा जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा भी मौजूद थे। हालांकि यहां स्थानीय विधायक उषा ठाकुर नहीं आईं।

पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार द्वारा भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पहली बार कार्यकर्ता व भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें दरबार ने अपनी ताकत दिखाई । इस मौके पर कभी एक दूसरे के विरोधी रहे कैलाश विजयवर्गीय और अंतर सिंह दरबार दोनों ने हीं एक दूसरे की खुलकर तारीफ है ।

इस सम्मेलन के बहाने उन नए नेताओं को भाजपा की रीति-नीति में ढ़ालकर उन्हें कार्यकर्ताओं के बीच उनकी स्वीकार्यता बढ़ाने की कोशिश की गई। यहां भाजपा में नए नए शामिल होकर अलग-थलग दिखाई दे रहे अंतर सिंह दरबार ने अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की।

दरबार का भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद यह पहला सम्मेलन था इसके बहाने इस सम्मेलन में उन्होंने कांग्रेस की ही तर्ज पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व समर्थकों को एकत्र कर भाजपा में वही पहचान बनाने की कोशिश की जैसी उन्होंने कांग्रेस के लिए भीड़ लाने वाले नेता के तौर पर बनाई थी।

महू के भाजपा कार्यकर्ताओं (इनमें अब पुराने कांग्रेसी भी शामिल हैं।) और जनता के सामने एक दूसरे के खिलाफ दो चुनाव लड़ते हुए खुलकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने वाले अंतर सिंह दरबार और विजयवर्गीय अब इसी जनता के सामने एक दूसरे की खुलकर तारीफ कर रहे थे और इसे देखकर कार्यकर्ता जैसे बदले दौर की राजनीति पर मुस्कुरा रहे थे।

अंतर सिंह दरबार का बदला हुआ रूप भी देखने लायख रहा। कांग्रेस के दो बार के विधायक और पांच बार के प्रत्याशी दरबार उस समय खूब मुस्कुरा रहे थे जब भाजपाई कांग्रेस पार्टी में हो रही टूट पर मंच से ठहाके लगा रहे थे, दरबार, बिल्कुल नए भाजपाई बने अक्षय कांति बम के कांग्रेस की खिल्ली उड़ाने वाले भाषण पर भी खूब खिलखिलाते हुए ठहाके लगा रहे थे।

वहीं दरबार ने इस मौके पर अपनी नई पार्टी का करीबी दिखने की पूरी कोशिश की। उन्होंने यहां यह भी कह डाला कि उनकी पुरानी पार्टी ने सनातन का विरोध किया था जिससे वह काफी आहत हुए और बड़ी संख्या में अपने कांग्रेसी समर्थकों को भाजपा की सदस्यता दिलवा रहे हैं। वहीं दूसरी और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी मौके का फायदा उठाते हुए अंतर सिंह दरबार की जमकर तारीफ की।

विजयवर्गीय ने भी यहां तक का डाला कि अगर भाजपा महू से मुझे टिकट नहीं देती तो अंतर सिंह दरबार को महू से कोई नहीं हरा सकता। ज़ाहिर है कि उनका सीधा इशारा वर्तमान विधायक उषा ठाकुर की ओर था। हालांकि विजयवर्गीय ने अपनी तारीफ तो कर ली लेकिन ये नहीं बताया कि ऐसे में अगर उषा ठाकुर, अंतर सिंह दरबार को नहीं हरा सकती थीं तो फिर उन्हें यानी उस समय के कांग्रेस प्रत्याशी को कौन सी युक्ति से हराया गया।

विजयवर्गीय ने अक्षय कांति बम की भी खुलकर तारीफ की और उन्हें सनातन और देश हित का फैसला लेने वाला बताया। कांग्रेस को ऐन मौके पर धोखा देने का बाद अक्षय कांति बम, लगातार विजयवर्गीय के साथ लगे हुए हैं। इस मौके पर सभी वक्ताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सावित्री ठाकुर को महू से एक से डेढ़ लाख वोटों के लीड दिलाना है।

इस कार्यक्रम में यह भी समझ आया कि जैसे भाजपा, कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश कर रही है वैसे खुद भी टूट रही है। भले ही सत्ता की शक्ति के साथ यह टूट बहुत खुलकर नजर नहीं आ रही हो लेकिन यह धीरे-धीरे होती दिख रही है। विजयवर्गीय के इस कार्यक्रम से विधायक और पूर्व मंत्री उषा ठाकुर और उनके समर्थकों ने पूरी तरह दूरी बनाए रखी।

मंडल अध्यक्षों के नाम पर से सिर्फ नगर अध्यक्ष पीयूष अग्रवाल ही मौजूद थे वहीं दूसरी ओर विधानसभा में बाहरी प्रत्याशी का विरोध करने वाले नेता मौजूद रहे। उल्लेखनीय कि विधायक उषा ठाकुर ने अंतर सिंह दरबार का भाजपा में आने का विरोध किया था। यही कारण है कि आप दोनों के ही समर्थक एक दूसरे के ना तो कार्यक्रम में आते हैं और ना ही आमंत्रित करते हैं।


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