डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती में मात्र 10 दिन शेष बचे हैं लेकिन इस बार विभागों से अब जाकर बजट मंगवाया।जमीन स्तर पर कोई तैयारी नजर नहीं आ रही। गुरुवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने पहली बार बैठक ली और समीक्षा की।
14 अप्रैल को डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती बड़े स्तर पर मनाई जाती है जिसमें करीब 1 लाख शब्द डालो अनुयाई शामिल होते हैं इन अनुयायियों के रहने ठहरने भोजन पानी आदि की व्यवस्था शासन स्तर पर की जाती है, जिस पर मध्य प्रदेश शासन एक करोड रुपए से अधिक की राशि खर्च करता है।
तीन दिन तक चलने वाले इस जयंती महोत्सव की तैयारी करीब एक महीने पहले से ही शुरू हो जाती हैं और कलेक्टर कमिश्नर सहित सभी शासकीय भाव के अधिकारी लगातार दौरे कर समीक्षा करते रहते हैं लेकिन इस बार इस महोत्सव को लेकर कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है।
जिला प्रशासन ने भी गुरुवार को सभी शासकीय भाव के अधिकारियों की बैठक ली जबकि मौसम में मात्र 10 दिन शेष बचे हैं, यही नहीं इस जयंती महोत्सव की तैयारी को लेकर विभिन्न विभागों द्वारा किए जाने वाले कार्यों व व्यवस्थाओं के लिए बजट बनाकर आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा कलेक्टर को दिया जाता है लेकिन इस बार अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। गुरुवार को कलेक्टर ने सभी विभागों से उनके कार्यों की जानकारी व बजट मांगा है।
गुरुवार को करीब 45 मिनट चली समीक्षा बैठक में 70 से अधिक अधिकारियों कर्मचारियों समीक्षा बैठक में मौजूद थे लेकिन एक भी विभाग में इस बार कोई ऐसी योजना नहीं बताई जिस पर जो इस महोत्सव के आकर्षण का केंद्र बने। 10 वर्ष पूर्व जो काम विभागों ने किए थे वही काम इस बार फिर होंगे बस बजट की राशि बढ़ जाएगी।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस बार इस महोत्सव के लिए कितनी राशि दी जाएगी कलेक्टर ने इस संबंध में भी कोई जानकारी नहीं दी आचार संहिता को देखते हुए इस बार किसी बड़े नेता का आना फिलहाल तय नहीं है।
नहीं थम रहा विवाद
वहीं दूसरी और अंबेडकर स्मारक समिति का विवाद एक बार फिर सड़कों पर आ गया है समिति के सदस्यों ने खुले में आरोप लगाया कि वर्तमान सच्ची हुआ कोषाध्यक्ष ने पिछले 1 साल के आय व्यय का हिसाब नहीं दिया। आरोप तो यह भी लगाया गया है कि पिछले 1 साल में स्मारक समिति को एक करोड रुपए से अधिक की राशि दानदाताओं ने दी है जो सचिव ने अपने खाते में रख ली है।
स्मारक को होटल मैनेजमेंट की तरह चलाना चाह रहे!
आरोप प्रत्यारोप के बीच इस बार अंबेडकर जयंती को लेकर भी कोई विशेष उत्साह नजर नहीं आ रहा है। आशंका है कि जयंती वाले दिन समिति के सदस्यों में ही कोई बड़ा विवाद भी संभव है। समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि वर्तमान सचिव इस स्मारक को होटल मैनेजमेंट के रूप में चलाना चाहते हैं।
कलेक्टर ने किया निरीक्षण
कलेक्टर आशीष सिंह ने मंगलवार को शासकीय संकुल में अधिकारियों की बैठक लेने के बाद अंबेडकर स्मारक का दौरा किया। स्मारक निरीक्षण के बाद उन्होंने लोक निर्माण विभाग को स्मारक परिसर में किया जा रहे कार्य को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए।