भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने साफ किया है कि सरकार निरस्त किये जा चुके कृषि कानूनों को वापस लेकर नहीं आएगी हालांकि एक दिन पहले ही उनका बयान काफी सनसनी पैदा कर चुका था। दरअसल, पिछले दिनों नागपुर में हुए एक कार्यक्रम में कहा था कि कृषि कानूनों को निरस्त करके सरकार कृषि सुधार के मामले में एक कदम पीछे हटी है और फिर आगे बढ़ेगी। इस बयान के बाद से ही केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे थे।
ये है भाजपा का असली चाल,चरित्र और चेहरा
कृषि मंत्री कह रहे हैं कि कृषि क़ानून पर सरकार एक क़दम पीछे हटी है लेकिन फिर आगे बढ़ेगी
मतलब फिर से काले क़ानून वापस लायेगी
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) December 25, 2021
केंद्रीय मंत्री तोमर के मुताबिक कि उन्होंने ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया है और कांग्रेस अपनी असफलता को छिपाने के लिए भ्रम फैला रही है। रविवार को मीडिया में आए उनके बयानों के मुताबिक मंत्री ने कहा है कि
“कृषि कानून पुनः लाने का सरकार का कोई विचार नहीं है। किसानों का मान रखने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने का निर्णय किया था। कांग्रेस अपनी असफलताओं पर पर्दा डालने के लिए भ्रम फैलाने का नकारात्मक कार्य करती है। इससे किसानों को सावधान रहना चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री का यह स्पष्टीकरण कांग्रेस के उस आरोप के बाद आया है कि जिसमें उसने कहा था कि केंद्र पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद संशोधन के साथ तीन कृषि कानूनों को वापस लाने की योजना बना रहा है। उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आवश्यक विधेयक पारित होने के बाद तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया गया था।