ढ़हाया अतिक्रमण, चार सौ करोड़ रुपये की पांच हेक्टेयर जमीन हुई मुक्त


नगर  निगम दुकानें तोड़ने से पहले उन्हें खाली करने का भी समय नहीं दिया। इस दौरान 26 दुकान व गोदामों को ढहाया गया।  इससे पहले प्रशासन ने 11 जनवरी को ही नरेश जीनिंग मिल की जमीन पर कब्जा लिया था। जिसके बाद यहां की दुकानों को खाली करने के लिए नोटिस दिया गया था। 


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उज्जैन Updated On :

उज्जैन। उज्जैन प्रशासन ने रविवार को भूमाफिया के खिलाफ़ बड़ी कार्रवाई की। यहां नरेश जीनिंग मिल परिसर में बनी दुकानों, गोदामों और दूसरे भवनों को तोड़ दिया गया। इस दौरान नगर निगम के साथ पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे।

यह कार्रवाई जिला कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशों पर की गई। इसके बाद करीब चार सौ करोड़ रुपये की पांच हेक्टेयर जमीन प्रशासन के कब्जे में आ गई है। इस दौरान 26 दुकान व गोदामों को ढहाया गया।

नगर निगम ने दुकानें तोड़ने से पहले उन्हें खाली करने का भी समय नहीं दिया। इससे पहले प्रशासन ने 11 जनवरी को ही नरेश जीनिंग मिल की जमीन पर कब्जा लिया था, जिसके बाद यहां की दुकानों को खाली करने के लिए नोटिस दिया गया था।

प्रशासन की टीम ने उस समय भी इस जमीन पर से अतिक्रमण हटाया था और शासन को बोर्ड लगवाया था और बाकी के अतिक्रमण को हटाने के लिए नोटिस जारी किये थे। कलेक्टर आशीष सिंह ने दो दिन पहले ही इस बारे में संकेत दिये थे। इसके बावजूद यहां मौजूद दुकान संचालकों ने गंभीरता नहीं दिखाई।

अधिकारियों ने बताया इस जमीन पर शीतल पेय कंपनी, पान की दुकान, आटाचक्की, टायर, इलेक्ट्रिक उपकरण की दुकान, प्रिंटिंग प्रेस, मेडिकल, नमकीन, होटल आदि की दुकानें थीं। कार्रवाई के दौरान कोयला फाटक से लेकर मंडी गेट तक यातायात को डायवर्ट कर दिया गया था।

इस ज़मीन का सौदा कई बार हो चुका है। 1910 से 1974 तक ये जमीन कई बार बिकी। पहले यह मिर्जामल नेवठिया के पास थी जिन्होंने रामनारायण नाथूराम को बेची। फिर घनश्याम पोद्दार ने खरीदी और बिनोद मिल कंपनी को बेची। बिनोद मिल ने छगनलाल पांचूलाल इंदौर को 1974 में बेची थी।

इनपुटः नईदुनिया


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