उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में रविवार को शाम तकरीबन 4 बजे अचानक आई तेज आंधी से महाकाल लोक में स्थापित सप्तऋषियों की 7 में से 6 मूर्तियां गिर गईं।
गनीमत रही कि इस हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बच गए। महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों की टीम महाकाल लोक पहुंची और वहां से श्रद्धालुओं को बाहर किया गया।
बता दें कि 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक यानी एफआरपी से बनी हैं। इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की है।
उज्जैन के जिला कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि बहुत तेज आंधी आने के कारण मूर्तियां पेडस्टल से नीचे गिरी हैं। लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी इन मूर्तियों की लाइफ 10 साल है।
उज्जैन के महाकाल मंदिर के परिसर में हालिया बने महाकाल लोक की प्रतिमाएं तेज़ आंधी में टूटकर गिर गईं। इस दौरान 6 प्रतिमाओं को नुकसान हुआ है।#Ujjain #mahakal pic.twitter.com/oDMQZ3x2FB
— Deshgaon (@DeshgaonNews) May 28, 2023
उन्होंने कहा कि पत्थर की मूर्तियां बनने में समय लगेगा। फिलहाल कंपनी को ही इनका रखरखाव करना है। क्रेन की मदद से मूर्तियों को दोबारा लगवाया जाएगा।
जिला कलेक्टर के मुताबिक, घटना के लिए जिम्मेदारी तय कर एक्शन लिया जाएगा। फिलहाल मूर्तियों को पुर्नस्थापित करने के लिए महाकाल लोक को बंद किया गया है।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने महाकाल लोक मंदिर परिसर में घटिया निर्माण करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी।
आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन…— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 28, 2023
11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धूमधाम से उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था।
महाकाल लोक परियोजना के पहले चरण पर 310 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। यहां भगवान शिव समेत अन्य देवी-देवताओं की 190 से अधिक विशाल मूर्तियां लगाई गई हैं।
इसके बाद 778 करोड़ की लागत से दूसरे चरण का काम शुरू हुआ। इसके तहत महाकाल परिसर का विस्तार और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।