उज्जैन। एक डॉक्टर की लापरवाही से एक महिला की जान पर बन आई थी, लेकिन एक अन्य डॉक्टर ने ही उसकी जान बचा ली।
दरअसल मामला यह है कि सिजेरियन से डिलीवरी के दौरान डॉक्टर ने लापरवाही बरतते हुए महिला के पेट में ही कपड़ा छोड़ दिया, जिससे उसकी जान पर बन आई।
उसके पेट में सूजन आने के कारण उसे आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। ऑपरेशन कर 40 सेमी लंबा कपड़ा महिला के पेट से निकाला गया।
जानकारी के मुताबिक, कविता पति कैलाश उम्र 25 साल निवासी आगर को प्रसव पीड़ा के बाद झालावाड़ (राजस्थान) के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। यहां जांच में बच्चा उल्टा पाया गया तो 14 सितंबर को सीजेरियन ऑपरेशन किया गया। उसके बाद 29 सितंबर को मरीज के पेट में सूजन आ गई, जिसके कारण उसे 10 दिनों तक आईसीयू में रखा गया।
महिला के परिजन उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता देखकर उसे लेकर उज्जैन आए। यहां परिजनों ने महिला की आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में सीटी स्कैन करवाई, जिसमें महिला के पेट में कपड़े जैसा कुछ पाया गया। महिला का कोविड रैपिड एंटीजन भी पॉजिटिव पाया गया।
उसके बाद 14 अक्टूबर को कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कल्पना महादिक और डॉ. पीके राय ने लैप्रोटॉमी ऑपरेशन की मदद से महिला के पेट से 40 सेमी लंबा कपड़ा निकाला, जो ऑपरेशन में प्रयुक्त होने वाले कपड़े की तरह ही था।
इससे आशंका है कि सीजेरियन के दौरान डॉक्टर द्वारा लापरवाही बरतते हुए कपड़ा अंदर छोड़ दिया गया था।