राम सेतु है प्रेम की असली निशानी न कि ताजमहलः मनोज मुंतशिर


गौरव उत्सव की पूर्व संध्या पर उज्जैन पहुंचे थे ख्यात गीतकार मनोज मुंतशिर, कहा हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया, मुंतशिर ने उच्चशिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की जमकर तारीफ़ की


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उज्जैन Published On :
मनोज मुंतशिर


उज्जैन। चैत्र नवरात्र की शुरुआत और गुड़ीपड़वा के अवसर पर उज्जैन शहर का जन्मदिन भी मनाया जा रहा है। इस आयोजन को गौरव दिवस का नाम दिया गया है। यह पहली बार है जब उज्जैन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन की पूर्व संध्या पर गीतकार मनोज मुंतशिर ने भी शिरकत की। गौरव दिवस पर मनोज उज्जैन पहुंचकर काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने देश के गौरवशाली इतिहास के बारे में लोगों को बताया और कहा कि इस इतिहास को हमें अधूरा पढ़ाया गया। इस कार्यक्रम में उच्चशिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव  भी पहुंचे थे।

मनोज मुंतशिर शनिवार को उज्जैन पहुंचे थे। उन्होंने अपनी कहानी याद करते हुए कहा कि वे पहली बार लखनऊ से मुंबई साल 2001 में गए थे तब उनके पास कुछ नहीं था। काफी संघर्ष के बाद उन्हें एक सीरियल मिला जिसका पहला एपिसोड उज्जैन में फिल्माया जाना था और तब ही वे पहली बार उज्जैन आए थे और उन्होंने भगवान महांकाल से अपनी तरक्की के लिए प्रार्थना की थी और जो पूरी भी हुई।

मनोज ने कहा कि देश में इतिहास में प्रेम की निशानी ताजमहल नहीं है बल्कि भगवान राम का समुद्र पर बनाया हुआ वह पुल है, वह पुल जो उन्होंने अपनी पत्नी को वापस पाने के लिए बनाया और सबसे बड़े असुर से भिड़ गए। मनोज ने कहा  देश के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति के बारे में न बताकर हमें उन मुगल आक्रांतों के बारे में बताया गया जिन्होंने हमारे देश पर हमले किये और लूटा। इस दौरान लोग भी बेहद उत्साहित नजर आए और वहां भारत माता की जय के नारे लगते रहे।

मनोज ने कहा कि हमें बताया गया कि शेरशाह सूरी, अकबर, खिलजी नहीं होते तो हम सिर्फ पत्ते लपेट कर नाच रहे होते, इन मूर्खों को कौन बताए कि इनके पहले मोहनजोदाड़ो था। यहां आज के शहरों में जो व्यवस्थाएं हैं, यह प्राचीन भारत के मोहनजोदाड़ो के काल में थीं।

उन्होंने कहा कि 800 साल पहले मुगल आए और अल्ला हू अकबर बोलकर हमारी धरती पर तबाही मचाई गई। उन्होंने मंदिर तोड़े, उनमें लूटपाट की और हमें हमेशा उन्हें महान बताया जाता रहा है।

मनोज ने हिन्दी फिल्म उद्योग के नेपोटिज़्म पर भी हमला बोला उन्होंने युवाओं से कहा कि आप अपने इरादों को मरने मत दीजिए। आपकी प्रतिभा ऐलान करेगी कि आपका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। मनोज ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि हम नहीं होते तो कविताएं नहीं होती, उन्हें कौन बताए कि इस देश में उनसे पहले महाकवि कालिदास हुए हैं, जिनकी कर्मभूमि उज्जैन रही है।

इस कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी मनोज की रचनाओं की जमकर तारीफ़ की वहीं मनोज ने भी यादव के द्वारा प्रदेश में शिक्षा नीति में किए जा रहे परिवर्तनों पर उनका आभार जताया।  उन्होंने कहा कि आपने प्रदेश के लिए वो कर दिखाया जो इतिहास बन गया है। आपने सबसे पहले प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू करवाई, जिसमे भगवत गीता, रामायण जैसे पवित्र ग्रंथो को पढ़ा जाएगा। आपने सबसे सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले राजा विक्रमादित्य और महाकवि कालिदास के बारे में नई शिक्षा नीति में पढ़ने का अवसर दिया है।

गौरव दिवस पर उज्जैन शहर में गजब का उत्साह नजर आ रहा है और इसकी शुरुआत मनोज मुंतशिर ने पूरे जोश के साथ की। इसके बाद रविवार को कैलाश खेर भी यहां पहुंच रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे उज्जैन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी रविवार दोपहर उज्जैन पहुंचे और उन्होंने यहां के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर व्यवस्थाओं का पूरा जायजा लिया।


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