उज्जैनः एसिड अटैक की शिकार नर्स ने तोड़ा दम, हत्या का मामला दर्ज


बीते चार नवंबर को एसिड अटैक की शिकार हुई नर्स की शनिवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। तीन दिनों से निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। मामले में पुलिस ने अब आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।



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acid attack ujjain

उज्जैन। बीते चार नवंबर को एसिड अटैक की शिकार हुई नर्स की शनिवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। तीन दिनों से निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। मामले में पुलिस ने अब आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।

फिलहाल एसिड फेंकने वाला शख्स और एसिड बेचने वाला दुकानदार दोनों जेल में हैं। नर्स पर 4 नवंबर को उसी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले शख्स ने एसिड डाल दिया था।

एएसपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि 

देवास रोड स्थित कॉलोनी में रहने वाली व निजी अस्पताल में 35 वर्षीय महिला नर्स ने करीब 13 साल पहले अपने पति से तलाक ले लिया था। उसके दोनों बच्चे पति के पास ही रहते हैं। वह 13 सालों से गांव रत्नाखेड़ी के निवासी मुकेश शर्मा (39 वर्ष) के साथ लिव-इन में ही रह रही है। मुकेश भी विवाहित है तथा उसकी पत्नी व दो बच्चे रत्नाखेड़ी में रहते हैं। मुकेश दूध का कारोबार करता था। वह नर्स के चरित्र को लेकर शंका करता था। बुधवार सुबह करीब 5 बजे वह दूध बांटने जाने का कहकर निकला था। इसके बाद नर्स सो गई तो मुकेश वापस आया और एसिड से भरा मग नर्स पर डाल दिया। इससे नर्स का चेहरा, पेट व शरीर के अन्य अंग झुलस गए थे। गंभीर हालत में उसे निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था।

विशेषज्ञ डॉक्टर नर्स की जान बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे, लेकिन 70 फीसदी से अधिक जलने के कारण स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई थी। आखिरकार शनिवार सुबह नर्स ने दम तोड़ दिया।

आरोपी से पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली है कि उसने दूध में फैट चेक करने के उपयोग में आने वाला सल्फ्युरिक एसिड नर्स पर डाला था।

बियाबानी चौराहे से स्टार डेयरी प्रोडक्ट दुकान से वह एसिड खरीदकर लाया था। पुलिस ने दुकान संचालक नजीम (30 वर्ष) पुत्र सत्तार खां निवासी फाजलपुरा को भी बिना लाइसेंस एसिड बेचने की वजह से मामले में आरोपी बनाया है।


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