खरगोन। खेती किसानी अब तकनीकी तौर पर उन्नत हो चुकी है। इसके साथ ही कई पुरानी पंरपाएं और तरीकों का इस्तेमाल कम होता जा रहा है। इनमें से एक खेती में पशुओं का प्रयोग भी है।
कच्ची जमीनों पर ट्रैक्टरों की संख्या बढ़ती रही और बैलों की तादाद कम होती रही। हालांकि वर्षों पुराने कुछ मेलों में यह परंपरा आज भी निभाई जाती है।
खरगोन में प्रसिद्ध नवग्रह मेला भी ऐसा ही है। यहां निमाड़ इलाके के पशु पालक और किसान पशुओं की खरीदी बिक्री करने के लिए आते हैं। खरगोन में प्रसिद्ध नवग्रह मेले में लगे पशु बाजार का गुरुवार को समापन हुआ। लगे पशु बाजार में 100 से अधिक बैल जोड़ों की आवक हुई।
प्रदेश सहित महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में किसान बैल खरीदने पहुंचे। बाजार में बैलों की खरीदी के लिए आए कई कृषक विशेषज्ञों की मदद भी लेते हैं। यहां पहुंचे कृषक ओमप्रकाश कुशवाह ने बताया कि सामान्य तौर पर ऊंचाई, पैरों के आकार के साथ दांत देखकर बैल की उम्र का पता लगाया जाता है।
बछड़े के मुंह के मध्य के दो दांत आने के बाद ही उसे कृषि कार्य में उपयोग लिया जाता है। दांतों को देखकर बैलों की उम्र का पता लगाया जाता है। बैलों के रंग के आधार पर भी उन्हें खरीदा जाता है। यहां एक बैल का जोड़ा 1.30 लाख रुपये में भी बिका।
यह है खरगोन का बैल बाज़ार. निमाड़ इलाके का पशु हाट, यहां खेतीबाड़ी के लिए बैल खरीदने आते हैं किसान. पशु व्यवसायियों को इस बार कई डर थे जिसके चलते बाजार मंदा रहा.#khargone #mpnews pic.twitter.com/LkJgmVfemk
— Deshgaon (@DeshgaonNews) February 16, 2023
सुरक्षा के लिए खरीदी के बाद देते हैं पर्चीः
पिछले कुछ वर्षों से अवैध पशु परिवहन की आशंका में जिले में जगह-जगह बैलों की जांच की जाती है। असुरक्षा का भाव होने से कुछ वर्षों से महाराष्ट्र से आने वाले कृषकों में थोड़ी कमी आई है।
पशु पंजीयन ठेकेदार हनीफ खान ने बताया कि व्यापारियों की सुविधा के लिए पशु मेले में नीलामी के बाद कृषक को पर्ची दी जाती है। इस पर्ची की जांच होने पर मान्य किया जाता है। प्रशासन ने किसानों की सुविधा व सुरक्षा के लिए यह व्यवस्था लागू की है।
कृषि कार्यों के लिए उपयुक्तः
किसानों ने बताया कि निमाड़ी नस्ल के बैल भारवाहक होते हैं। कृषि कार्यों में उपयुक्त होने से इनकी मांग दूसरे प्रदेशों में भी है।
यहां पिछले वर्ष सवा लाख रुपए तक बैल जोड़ी बिक चुकी है। मेले में बैलों को सजाने की सामग्री की भी दुकानें लगी हैं। उल्लेखनीय है कि खरगोन का नवग्रह मेला बैल बाजार के लिए प्रसिद्ध है।
यहां प्रति गुरुवार को बाजार हट के दिन बैल बाजार लगता है। बैल बाजार में महाराष्ट्र सहित प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से किसान बेल खरीदने और बेचने के लिए आते हैं।