छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा शहर में लंपी वायरस की चपेट में आने वाले पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन प्रदेश के पशुपालन विभाग द्वारा अभी तक किसी तरह का कोई अलर्ट नहीं जारी किया गया है।
दूसरी तरफ, स्थानीय पशुपालक भी अपने मवेशियों को खुले स्थान में सार्वजनिक तौर पर छोड़ रहे हैं, जिससे बीमारी बढ़ने व फैलने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
बता दें कि शहर के पीजी कॉलेज, लालबाग क्षेत्र, नरसिंहपुर नाका, कोलाढ़ाना क्षेत्रों में लंपी वायरस से संक्रमित जानवर दिखाई दिए हैं जिसका फिलहाल कोई पुख्ता इलाज अब तक सामने नहीं आया है।
गौरतलब है कि लंपी वायरस एक जानलेवा बीमारी है जो मुख्य रूप से गायों में देखने को मिल रही है। लंपी वायरस से संक्रमित होने वाली गायों की हजारों की संख्या में मौत हो चुकी है।
संक्रमित पशु के संपर्क में आने से ही अन्य स्वस्थ पशु को भी यह अपने संक्रमण की चपेट में ले लेता है और फिलहाल इसका कोई पुख्ता इलाज अभी तक नहीं आया है। हालांकि इसका इलाज सिर्फ लक्षणों के आधार पर ही किया जा रहा है।
लंपी स्कीन वायरस एक त्वचा रोग है जिसकी वजह से पशुओं की स्किन में गांठदार या ढेलेदार दाने बन जाते हैं। लंपी वायरस एक संक्रामक रोग है जो एक पशु से दुसरे पशु में फैलता है। यह मक्खी, मच्छर, ततैया एवं इसके अलावा पशुओं के सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इस बीमारी के ये हैं लक्षण –
- लगातार बुखार रहना
- वजन कम होना
- लार निकलना
- आंख और नाक का बहना
- दूध का कम होना
- शरीर पर अलग-अलग तरह के नोड्यूल दिखाई देना
- शरीर पर चकत्ता जैसी गांठें बन जाना।