भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अब मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में भी शामिल होगा। प्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए अब संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और जनसंघ के संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय के भी विचार पढ़ने होंगे।
इनके साथ-साथ एमबीबीएस के छात्रों के फाउंडेशन कोर्स में आयुर्वेद की शिक्षा के लिये विख्यात महर्षि चरक, प्राचीन भारत में सर्जरी के आचार्य सुश्रुत, स्वामी विवेकानंद और डॉ. भीमराव आंबेडकर के भी विचारों को शामिल किया जा रहा है।
राज्य में चिकत्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के मुताबिक डॉक्टरी की पढ़ाई में एथिक्स का पाठ पढाना भी ज़रूरी है और इसीलिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स में वेल्यूस होनी चाहिए, डॉक्टर हेडगेवार देश के प्रति समर्पित थे, आजादी में अहम योगदान दिया था।
मंत्री सारंग ने बताया कि अरविंद चरक, स्वामी विवेकानंद, दीनदयाल उपाध्याय, बीआर आंबेडकर का पाठ भी बढ़ाया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब भी महापुरूषों को महिमामण्डित करने को आगे बढाने की बात होती है तो कांग्रेस को तकलीफ होती है।
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार मेडिकल छात्रों के फाउंडेशन कोर्स में इसे इसी सत्र से बतौर लेक्चर जोड़ा जा रहा है। इसमें छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए देश के विचारकों के सिद्धांत और वैल्यू बेस्ड मेडिकल एजुकेशन को शामिल किया जाएगा।
एमबीबीएस का कोर्स नेशनल मेडिकल काउंसिल तय करती है। काउंसिल हर कोर्स के टॉपिक बताती है लेकिन उस टॉपिक में क्या लेक्चर होगा ये राज्य का मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट तय कर सकता है। जो नए लेक्चर जोड़े गए हैं वो ‘मेडिकल एथिक्स’ टॉपिक का हिस्सा हैं। ये टॉपिक फाउंडेशन कोर्स में पढ़ाया जाता है। मध्यप्रदेश में हर साल करीब दो हजार छात्र एमबीबीएस में प्रवेश लेते हैं।
फाउंडेशन कोर्स में इस बदलाव की तैयारी काफी पहले से चल रही थी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इसी साल 25 फरवरी को इसके लिए एक नोटशीट जारी की थी। इसमें उन्होंने फाउंडेशन कोर्स में इन नए विषयों को जोड़ने को लेकर सुझाव मांगे थे।
इन्हीं सुझावों के आधार पर विचारों के सिद्वांत, जीवन दर्शन के महत्व वाले लेक्चर को फाउंडेशन कोर्स में पढ़ाए जाने के लिए शामिल किया गया है। ये लेक्चर फाउंडेशन कोर्स के मेडिकल एथिक्स टॉपिक का हिस्सा होंगे।