भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिए कि गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो रही है, इसकी सभी व्यवस्था की निगरानी करें साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि ओलावृष्टि और वर्षा से जो भी हो प्रभावित हुआ है, उसे भी केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उपार्जित किया जाए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को कहा कि 10 प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं समर्थन मूल्य पर उपार्जन करने की केंद्र से मंजूरी मिली है। 10 प्रतिशत से अधिक चमकविहीन गेहूं खरीदने पर प्रति क्विंटल पांच रुपये 31 पैसे का नुकसान सरकार को उठाना होगा। इस संदर्भ में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। इस वर्ष 80 लाख टन गेहूं खरीदने की तैयारी है।
इसके अलावा प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 32 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राजस्व के नियमों के अनुरूप दी जाएगी। साथ ही साथ किसानों को खाद के लिए एडवांस भी दिया जाएगा। किसानों को फसल बीमा भी अलग से दिलाया जाएगा, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गेहूँ उपार्जन का कार्य भी आरंभ हो रहा है। मंत्रीगण अपने क्षेत्रों में गेहूं उपार्जन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। वर्षा से प्रभावित चमकविहीन गेहूं भी खरीदा जाएगा। संकट के समय किसानों को हर संभव सहयोग देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। https://t.co/bybTEl7Ovf
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) April 4, 2023
राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का तत्काल आकलन कर किसानों को राहत दी जाए। उन्होंने आश्वस्त किया है कि प्रदेश में कोई भी किसान जिसकी फसल प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई है, वह मुआवजे से वंचित नहीं रहेगा। इसके लिए बजट में पर्याप्त राशि का प्रविधान रखा गया है।
ओला वृष्टि से लगभग 70 हजार हेक्टे. में नुकसान हुआ है। सर्वे के आधार पर ₹64 करोड़ की राहत राशि का आंकलन हुआ है। 4-5 जिलों की सर्वे रिपोर्ट आना अभी बाकी है। जिन जिलों में ओले गिरे हैं, प्रभारी मंत्री भी एक बार चेक करें, किसानों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ना है: CM pic.twitter.com/J48NIryo0Y
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कैबिनेट के अन्य अहम फैसले –
- शिवराज कैबिनेट के निर्णय के मुताबिक अब प्रदेश में कहीं भी खुले हुए बोरवेल, कुएं और बावड़ी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
- सीहोर जिले के बुधनी में मेडिकल, पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेज खोले जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने दी प्रशासकीय स्वीकृति। 714 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
- प्रदेश में 730 पीएम श्री स्कूल खोलने के प्रस्ताव को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।
- मध्यप्रदेश विशेष की ब्रांडिंग के लिए प्रदेश में बनाई जाने वाली फिल्मों को दिए जाने वाले विशेष अनुदान के प्रविधान को समाप्त किया गया है।
- गेहूं उपार्जन सहित अन्य कार्यों के लिए नागरिक आपूर्ति निगम और राज्य सहकारी विपणन संघ को 29000 करोड़ रुपये की गारंटी निःशुल्क देने का निर्णय लिया गया।
सीएम शिवराज ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को बताया कि प्रदेश में एक अप्रैल से अहाते बंद करने का आबकारी नीति में फैसला किया था। उसको इंप्लीमेंट कर दिया। शराब के कुल मिलाकर 2611 अहाते बंद कर दिए गए हैं। धर्म स्थल, स्कूल इत्यादि के 100 मीटर के रेडियस में जो दुकाने आती थी ऐसी 232 दुकानें भी वहां से हटा दी गई हैं। हमने आबकारी नीति में तय किया था उसको हम लोगों ने इंप्लीमेंट कर दिया।
हमने आबकारी नीति में अहाते बंद करने का फैसला किया था। मुझे बताते हुए खुशी है कि हमने उसे लागू कर दिया है। शराब के कुल मिलाकर 2611 अहाते बंद कर दिए गए हैं। धर्म स्थल, स्कूल इत्यादि के 100 मीटर के एरिया में आने वाली 232 दुकानों को भी हटा दिया गया है: CM pic.twitter.com/0HFi6utGB3
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सीएम शिवराज ने बैठक के दौरान लाडली बहना योजना को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह पहला अभियान ऐसा है जो जनता का अभियान बन गया है। न कहीं सर्वर डाउन हुआ। लोग सड़कों पर बैठ-बैठ कर लाडली बहना के आवेदन भर रहे हैं। अब तक 47 लाख 94 हजार रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। लगभग 50% के आस-पास आंकड़ा 3 तारीख को ही पहुंच गया था। कल बैतूल में लाडली बहना सम्मेलन था। लगभग वहां एक लाख बहनें थीं। बैतूल में इतनी बड़ी सभा आज तक नहीं हुई। एकदम उत्साह से भरे हुए थे। कार्यकर्ता भी लगे हैं, काफी बेहतर चल रहा है।
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