शहडोल। शहडोल जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त शहरडोल मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नर्स समेत चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए लोगों में स्टाफ नर्स के अलावा मेडिकल कॉलेज के सामने संचालित अमित फार्मा मेडिकल स्टोर का संचालक अमित मिश्रा, दीपक गुप्ता और उज्ज्वल द्विवेदी नामक शख्स शामिल हैं।
एडिशनल एसपी मुकेश कुमार वैश्य ने बताया कि पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी की रोकथाम के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई।
थाना सोहागपुर पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली थी कि दीपक गुप्ता एवं उज्जवल द्विवेदी निवासी कुदरी रोड शहडोल अपने पास रेमडिसिबिर इंजेक्शन बिक्री करने के उद्देश्य से रखे हुए हैं और ये दोनों कुदरी बायपास रोड पर खडे हैं।
सूचना पर एसपी द्वारा गठित एसआईटी टीम को सूचित किया गया और मुखबिर के बताये गये स्थान पर जाकर देखने पर दो व्यक्ति रोड के किनारे खड़े दिखे, जो पुलिस को देखकर भागने लगे।
एसआईटी टीम व पुलिस फोर्स की मदद से इनको पकड़ा गया और पूछताछ की गई तो दोनों ने अपना नाम दीपक गुप्ता (23 साल) पिता सीताराम गुप्ता निवासी कौडिया जिला उमरिया हाल कुदरी रोड शहडोल एवं उज्ज्वल द्विवेदी पिता धनीराम द्विवेदी निवासी ग्राम चंदिया जिला उमरिया हाल कुदरी रोड शहडोल का होना बताया।
दोनों की तलाशी लेने पर टीम को दो रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले। आरोपियों से रेमडेसिविर इंजेक्शन के संबंध में दस्तावेज मांगने पर वे किसी भी तरह का वैध दस्तावेज नहीं दिखा सके।
जब इनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि सुषमा साहू (मेडिकल कॉलेज स्टाफ नर्स) मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को आवंटित इंजेक्शन उन्हें न लगाकर चोरी-छिपे बिक्री के लिए अमित फार्मा के संचालक अमित मिश्रा को देती थी।
इसके बाद पुलिस ने अमित मिश्रा, सुषमा साहू, दीपक गुप्ता और उज्जवल द्विवेदी के खिलाफ धोखाधड़ी, मप्र ड्रग कंट्रोल, मप्र आयुर्वेदिक अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर इनको गिरफ्तार कर लिया।