उमरिया। कोरोना महामारी के इस दौर में मरीजों को अस्पताल तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस या अन्य वाहन तो नहीं ही मिल पा रहे हैं। इसके साथ ही मृतकों के शवों को ले जाने के लिए शव वाहन भी मयस्सर नहीं हो पा रहे हैं।
शहडोल संभाग के उमरिया जिले से एक ऐसी खबर व तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर इंसानियत निश्चित ही रो पड़ेगी। यहां के मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहले तो आदिवासी युवक को कोई डॉक्टर नहीं मिला, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसे वापस घर ले जाने के लिए शव वाहन भी नहीं मिल पाया।
कोई चारा नहीं देख मृतक के परिजन उसे मोटरसाइकिल पर रस्सियों से बांधकर गांव ले गए, जिसकी तस्वीर व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
जानकारी के मुताबिक, उमरिया जिले के मानपुर मुख्यालय के ग्राम पतौर निवासी सहजन कोल (35 साल) पिता छोटकनी कोल को अचानक पेट में दर्द हुआ। उसे लेकर परिजन फौरन मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर पहुंचे।
यहां आने पर उन्हें पता चला कि उस समय वहां कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं है और वहीं पर तड़प-तड़प कर युवक की मौत हो गई। मजबूर परिजनों को मोटरसाइकिल में शव को रस्सी से बांध कर ले जाना पड़ा।
इस मामले में सीएमएचओ आरके महरा का कहना है कि
मृतक को उपचार दिया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। शव को मोटरसाइकिल से क्यों ले जाया गया और क्यों सुविधा नहीं मिल पाई। इसके बारे में वे जिम्मेदार बीएमओ से चर्चा करके ही कुछ कह पाएंगे।