बीएमसी में ये कर्मचारी मृतकों के लिए रखते हैं दो मिनट का मौन

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सागर Published On :
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शव शिफ्ट करने वाले कर्मचारियों की अनूठी मानवीय पहल

शव शिफ्ट करने वाले कर्मचारियों की अनूठी मानवीय पहल, शव शिफ्ट करने के दौरान हुई गलती की मांगते हैं क्षमा।


सागर। बीएमसी के शव शिफ्ट करने वाले कर्मचारी कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के दम तोड़ने पर शव के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो जाते हैं। उनके लिए दो मिनट का मौन रखते हैं और भगवान से उनको अपने चरणों में जगह देने की दुआ करते हैं।

इतना ही नहीं, शव शिफ्ट करने के दौरान अनजाने में हुई गलती के लिए माफी भी मांगते हैं। ऐसा करके ये कर्मचारी अनोखी नजीर पेश करते हुए अन्य शहरों के अस्पतालों के लिए भी उदाहरण पेश कर रहे हैं।

बता दें कि कोरोना से दम तोड़ने वाले मृतकों के शवों को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आती रही हैं। इंदौर के एक निजी अस्पताल में ऐसी ही एक अमानवीय घटना हुई थी, जिसमें शव के पैर की उंगलियां चूहे खा गए थे। यह मामला काफी उछला था, लेकिन बीएमसी में यह दो कर्मचारी मानवता की अनूठी पहल कर रहे हैं।

बीएमसी में बीते छह माह में 227 मरीजों की मौत हुई है। इनमें आईसीयू में 99 और बाकी वार्ड में 128 मरीजों की मौत हुई है। वार्ड से शवों को थ्री लेयर कवर में पैक किया जाता है। इसके बाद दो कर्मचारी शव को शवगृह में शिफ्ट करते हैं।

कोरोना से लोगों की मौतें हो रही है। सैकड़ों शव को मॉर्चुरी में शिफ्ट किया है। कई बार शव को शिफ्ट करने में गलती हो जाती है। इस वजह से हाथ जोड़कर मृतक से प्रार्थना करते हैं कि अनजाने में जो गलती हुई है, इसके लिए माफ हमें कर दो। ऐसा करने से मन को शांति मिलती है।

– सूरज बंसल, कर्मचारी

ये कर्मचारी बताते हैं कि कोरोना महामारी में असमय ही लोगों की मौतें हो रही हैं। इस वजह से उनकी आत्मा की शांति और शव को रखने के दौरान हुई गलती के लिए माफी मांगते हैं। पहली मौत से ही यह मानवीय पहल कर्मचारियों द्वारा की जा रही है।

कोरोना बड़ी महामारी के रूप में सामने आई है। महामारी से जान गंवाने वाले लोगों के शव परिजन नहीं देख पाते है। न ही उनका अंतिम संस्कार पूरे रीति रिवाज से हो पाता है। इस कारण से मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। दो मिनट का मौन रखकर खुदा से इनकी आत्मा की शांति देने के लिए प्रार्थना करते हैं।

– असरफ खान, कर्मचारी


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