दमोह। मांसाहार की दुकानों और अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिये हिंदू संगठनों ने सोमवार ग्यारह जनवरी को शहर बंद का आह्वान किया। इस बंद का शहर में व्यापक असर भी देखने को मिला। इस बंद का व्यापारियों ने भी सर्मथन किया है। शहर के घंटाघर पर बड़ी संख्या में लोग जुटे और उन्होंने विरोध जताया। इससे पहले वाहन रैली भी निकाली गई।
सांप्रदायिक विवाद की आशंका में यहां बड़ी संख्या में पुलिस भी मौजूद रही। यहां सभी उन्नीस थानों के प्रभारी भी पहुंचे थे। बजरंग दल, वीएचपी जैसे कई हिंदू संगठनों ने लामबंद होकर सोमवार को शहर बंद बुलाया। यह बंद शहर में मांसाहार की दुकानों पर अंकुश लगाने के लिए बुलाया गया था।
हिंदूवादी नेताओं ने यहां बताया कि शहर में कई स्थानों पर अब मांसाहार की दुकानें लगातार बेरोकटोक खुल रहीं हैं। ऐसे में नियमों का उल्लंघन तो होता ही है धार्मिक भावनाएं भी आहत हो रहीं हैं। लिहाज़ा ज़रुरी है कि इन दुकानों के लिए एक नियम बनाया जाए और इन्हें अन्य स्थान पर एक साथ स्थानांतरित किया जाए।
हिंदू संगठनों ने यह विरोध घंटाघर पर किया। जहां बड़ी संख्या में इन संगठनों के सर्मथक और कार्यकर्ता मौजूद रहे। सुबह से ही शहर की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं।
ऐसे में व्यापारियों ने भी इस बंद को सहयोग दिया। इस दौरान यहां प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई और प्रशासन द्वारा की जाने वाली कार्रवाई को पक्षपाती बताया गया।
बजरंग दल के संयोजक पवन रजक ने बताया कि पहले भी कई बार प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से चेताया गया है लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में वे अब इस कदम के लिए विवश थे और अब अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आने दिनों में पूरा जिला बंद किया जाएगा।
यहां समुदाय विशेष के कुछ लोगों के द्वारा अपराध करने की बात की गई। ऐसे में सांप्रयादिक विवाद की आशंका थी जिसे देखते हुए जिले सभी 19 थानों के टीआई यहां पहुंच गए थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की मौजूदगी भी रही। यहां लोगों का ज्ञापन एडीएम आनंद कोपरिहा, सीएसपी अभिषेक तिवारी भी पहुंचे।
प्रदर्शन करने वाले हिंदू संगठनों ने पिछले दिनों शहर मे हुई एक शिक्षक अजय दाहिया की हत्या के मामले में पुलिस से ठोस कार्रवाई करने को कहा है। शिक्षक अजय दाहिया को किसी छोटे से विवाद के चलते कुछ युवकों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। मामले में अब तक सभी आरोपी पकड़े नहीं गए हैं। यहां मृतक शिक्षक के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने की भी मांग की गई।
काफी देर तक प्रदर्शन के बाद घंटाघर पर एडीएम आनंद कोपरिहा को ज्ञापन सौंपा गया। जिस पर अधिकारी ने 15 दिन का समय देने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि इतनी अवधि में मांसाहार की दुकानों के लिये एक अलग व्यवस्था बनाई जाएगी और अतिक्रमण भी हटाया जाएगा। अधिकारी के इस आश्वासन पर विरोध प्रदर्शन शांत हुआ।
प्रदर्शन तो खत्म हो गया लेकिन इसके बाद शहर में सांप्रदायिक विवाद की आशंका भी नजर आने लगी है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन को खास अहतियात और संवेदनशीलता बरतने की जरुरत है।