टीकमगढ़। जिले की एक मात्र बांध परियोजना बान सुजारा बांध इस बार पहली बार अपनी अधिकतम क्षमता के साथ भरा गया है। पहली बार 280 एमसीएम स्तर तक भराव होने पर पानी बांध की हदों को लांघ गया। 5202 हैक्टेयर में हुए पानी के भराव के बाद बांध की खूबसूरती देखते ही बन रही है। बांध की बधान पर खड़े होने पर चारों ओर केवल पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।
धसान नदी पर बनाएं गए बान सुजारा बांध को पहली बार अपनी क्षमता के अनुरूप 280 एमसीएम तक भरा गया है। नवनिर्मित बांध बनने के बाद शासन द्वारा तय निर्देशों के अनुरूप वर्ष 2018 में बांध में पानी का भराव शुरू किया गया था। पहले वर्ष विभाग ने इसे आधा ही भरा था। उस समय बांध में 140 एमसीएम पानी भरा गया था। इसके बाद बांध को 2019 में 225 एमसीएम (315 मीटर) तक भरा गया था। इस साल वर्ष 2020 मेें बांध को पहली बार 280 एमसीएम (316 मीटर) तक भरा गया है। बान सुजारा बांध परियोजना के कार्यपालन यंत्री रघुवीर सिंह ने बताया कि बांध की सुरक्षा एवं उसकी मजबूती को आंकलित करते हुए भराव किया जाता है। अब हर साल बांध को पूरी क्षमता के अनुसार भरा जाएगा।
हदों को लांघ गया पानी
बान सुजारा परियोजना के निर्माण के पूर्व ही विभाग द्वारा इसके 5202 हैक्टेयर क्षेत्र को भराव क्षेत्र चिंहित किया गया था। इइ रघुवीर सिंह का कहना है कि पूरा भराव होने पर बांध अपनी इस सीमा तक पहुंच चुका है। इसे स्क्वार्य किमी में देखे तो बांध की सीमा 33032 स्क्वार्य किमी में पानी फैल चुका है। उनका कहना है कि बांध में पहली बार पूरी क्षमता से पानी का संंग्रहण करने पर टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिले के प्रशासन को भी सूचित कर दिया गया है। कुछ स्थानों पर बांध का पानी अपनी सीमा से आगे निकल गया है। ऐसे में इन क्षेत्रों का सर्वे कर वहां पर भी जमीन अधिगृहण की कार्रवाई की जाएगी।
खोला गेट
बांध में फुल पानी आने के बाद भी इसमें इन फ्लो बना हुआ है। बांध में अब भी लगभग 25 क्यूमिक्स पानी की आवक हो रही है। लेकिन बांध अब पूरी क्षमता के साथ भर चुका है और इससे अधिक पानी बांध में नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में बांध का एक गेट खोलकर इतने ही पानी को बाहर निकाला जा रहा है। ऐसे में धसान नदी में भी बहाव बना हुआ है।
यह है बारिश की स्थिति
विदित हो कि इस वर्ष जिले में औसत बारिश का आंकड़ा भी पूरा नहीं हुआ है। इस वर्ष जिले में 1000 मिमी औसत बारिश की जगह 780 मिमी बारिश ही दर्ज की गई है। जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 1024 पर पहुंच गया था। विदित हो कि इस नदी पर बांध न बनने पर यह सारी पानी व्यर्थ निकल जाता था। लेकिन अब बांध बनने पर काम बारिश होने के बाद भी पूरा पानी संरक्षित बना हुआ है।
50 हजार हैक्टेयर में होगी सिंचाई
बान सुजारा के इइ रघुवीर सिंह ने बताया कि बांध से 50 हजार हैक्टेयर में सिंचाई होगी। पिछले वर्ष बांध से 17 हजार हैक्टेयर भूमि की सिंचाई की गई थी। उनका कहना है कि कहीं-कहीं पर नहरों का काम शेष है, लेकिन उसे भी समय से पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है। नहरों का काम पूरा होने पर पूरे लक्षित क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी।