रीवा। प्रदेश के रीवा जिले में एक 20 वर्षीया महिला ने मनगवां पुलिस थाने के पांच पुलिसकर्मियों पर दुष्कर्म जैसे घृणित अपराध का आरोप लगाया है।
महिला ने अपने आरोप में कहा है कि उसे हत्या के आरोप में नौ मई को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अदालत में उसे 20 मई को पेश किया गया।
इस दौरान दस दिनों तक उसे लॉकअप में रखा गया और तत्कालीन थाना प्रभारी मनगवां मृगेंद्र सिंह, एसडीओपी मनगवां बीएस बरिबा एवं 3 अन्य पुलिसकर्मियों ने अलग-अलग समय में दुष्कर्म किया।
महिला ने इसका विरोध किया, लेकिन वर्दी के नशे में चूर आरोपियों ने उसकी एक नहीं सुनी। महिला के मुताबिक, उस समय मनगवां थाने में तैनात एक महिला आरक्षक ने इसका विरोध भी किया था, जिसे गाली देकर मौके से भगा दिया गया था।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा –
बीते दिनों रीवा न्यायालय के एडीजे विपिन कुमार लवानिया केंद्रीय जेल निरीक्षण करने पहुंचे थे, जहां पर उनसे उक्त पीड़ित महिला ने मुलाकात की और महिला ने लिखित बयान में मजिस्ट्रेट को सारा घटनाक्रम बताया।
उक्त महिला ने न्यायाधीश को बताया कि जब वह जेल पहुंची तो उसने पूरी घटनाक्रम की जानकारी महिला वार्डन को दी थी। बयान के बाद महिला वार्डन ने भी जानकारी देने की बात स्वीकार कर ली है।
इस संबंध में जिला एवं सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह द्वारा 14 अक्टूबर 2020 को पत्र लिखकर रीवा एसपी से अपराध पंजीबद्ध करने की बात कही गई है। साथ ही पूरे मामले की न्यायिक जांच के लिए महिला मजिस्ट्रेट कंचन चौकसे को नियुक्त किया है।