सतना। शहर के सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत कलेक्टर कार्यालय के पीछे स्थित फैमिली डेंटल क्लिनिक के डॉक्टर आशुतोष त्रिपाठी ने मल्लाह टोला सतना निवासी 23 वर्षीय अपनी सहायिका और प्रेमिका की पहले हत्या की और फिर उसके शव को क्लीनिक के पास ही कुत्ते के शव के साथ दफना दिया, ताकि किसी को बदबू आने पर शक नहीं हो।
इतना ही नहीं, सहायिका के माता-पिता को आरोपी डेंटिस्ट यह झांसा देता रहा कि उसकी नौकरी कहीं और लग गई है, जहां वह गई है। कुछ दिनों बाद वह वापस घर लौट आएगी। परिजनों का जब दो महीने तक बेटी से कोई संपर्क नहीं हुआ तो उन्होंने थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने शिकायत की जांच के दौरान शिवराजपुर थाना सिंहपुर के मूल निवासी और सतना के एमपीईबी कॉलोनी निवासी डॉक्टर आशुतोष त्रिपाठी से पूछताछ की तो वह पुलिस को भी गलत-गलत जानकारी देता रहा। पुलिस ने जब युवती की कॉल डिटेल निकाली तो उसकी आखिरी लोकेशन क्लीनिक के पास ही मिली। पुलिस ने शक होने के कारण डॉक्टर आशुतोष को हिरासत में लिया और कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सच कबूल कर लिया।
पुलिस ने शनिवार को डॉक्टर की निशानदेही पर गड्ढा खुदवाया जिसमें दो घंटे की खुदाई के बाद युवती का कंकाल पुलिस को मिला है। इस मामले में डॉक्टर ने युवती के साथ प्रेम प्रसंग कबूल किया है जिसके कारण युवती डॉक्टर पर शादी का दबाव बना रही थी। पुलिस द्वारा युवती का दुष्कर्म किए जाने की भी आशंका जताई गई है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी डॉक्टर ने युवती की हत्या उसके ही दुपट्टे से गला घोंट कर की थी। दो दिन तक आरोपी ने शव को क्लीनिक में रखा रहा। उसे डर था कि दुर्गंध के कारण लोगों को घटना का पता ना चल जाए। सच छिपाने के लिए उसने एक मरे हुए कुत्ते का भी इंतजाम किया।
इसके बाद मजदूरों की मदद से गड्ढा खुदवाया। नमक की बोरियां मंगवाईं। इसके बाद शव को दफना दिया। उसके ऊपर मिट्टी डाली। इसके बाद मरे हुए कुत्ते को भी दफनाया, ताकि दुर्गंध आने पर अगर कोई देखने पहुंचे, तो उसे युवती का शव होने का संदेह न हो।
पुलिस ने कंकाल को परीक्षण के लिए भिजवा दिया है और आरोपित डॉक्टर को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस द्वार शव निकलवाने के दौरान बड़ी मात्रा में लोग इकट्ठे हो गए जिस वजह से घटनास्थल को सील कर दिया गया।