बुरहानपुर। जिले के नेपानगर स्टेशन पर ट्रेनों के स्टॉपेज को लेकर गुरुवार को संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले धरना व विरोध प्रदर्शन किया गया। रेल रोको आंदोलन के तहत धरना देने पहुंचे करीब पांच हजार लोगों को पुलिस ने स्टेशन के बाहर ही रोक दिया जिसके बाद लोगों ने स्टेशन पर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।
दूसरी तरफ, कुछ लोग पटरी तक पहुंच गए और पटरियों पर लेटकर नारेबाजी करने लगे, जिन्हें पुलिस ने बल प्रयोग कर वहां से हटाया। यह सब कुछ तकरीबन दो घंटे तक चला। अधिकारियों द्वारा जल्द ही नेपानगर स्टेशन पर ट्रेनों को स्टॉपेज मिलने संबंधी कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद आंदोलनकारियों ने धरना समाप्त किया।
बता दें कि नेपानगर में कई ट्रेनों के ठहराव खत्म होने की वजह से यहां की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। ट्रेन का आवागमन छीन जाने से जनजीवन भी काफी प्रभावित हो रहा है।
इसे लेकर नेपानगर में 31 दिसंबर को रेल रोको आंदोलन आहूत किया गया था। आंदोलन में नेपानगर से लेकर आसपास के गांवों तक के हजारों लोग इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। करीब 5000 से ज्यादा की संख्या में एकत्र नागरिकों के साथ स्टेशन परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया और सभी 11 ट्रेनों के परिचालन की मांग की गई।
स्टेशन प्रबंधक एसडीएम विशा वाधवानी, एडिशनल एसपी मनकामना प्रसाद आदि अधिकारियों द्वारा जल्द ही जनवरी के अंतिम सप्ताह तक तीन ट्रेनों के परिचालन शुरू करने का आश्वासन दिया गया।
इसके बाद कुछ लोग जनवरी अंत तक की प्रतीक्षा करने की बात कर कर लौट गए जबकि सैंकड़ों लोग पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग तोड़कर स्टेशन के अंदर घुस गए और रेल पटरी पर जाकर बैठ और लेट गए।
पुलिस प्रशासन की लाख समझाइश के बाद जब वे मानने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस ने सख्ती से पेश आते हुए सभी को वहां से हटाया। धरना-प्रदर्शन को लेकर रेल संघर्ष समिति व पूर्व नपाध्यक्ष सोहन सैनी ने कहा कि हमें एक माह से गुमराह किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन आज जाकर सतर्क हुआ है।
आंदोलन में संघर्ष समिति की ओर से नपाध्यक्ष राजेश चौहान, रामाराव जगताप, हेमंत सिद्धवानी, संजय विजयवर्गीय, अशोक जायसवाल, विनोद पाटिल, रेलवे सलाहकार समिति सदस्य रवि, विजय यादव, जीतू पाटिल, किशोर राजपूत आदि शामिल रहे।