महात्मा के हत्यारे को याद कर रहे लोग, क्या देश बदल रहा है!


 महात्मा गांधी की हत्या के पक्ष में आने वालों की संख्या बढ़ रही है लेकिन इसे एक घृणित अपराध बताने वाले भी कम नहीं। ट्विटर पर यह भी नज़र आ रहा है। इस नए ट्रैंड से भाजपा सरकार पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। 


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घर की बात Published On :

नई दिल्ली। देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर देश में कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। हालांकि इस दिन देश का बदलता परिदृश्य भी देखा जा रहा है। गांधी की हत्या करने वाले देश के पहले आतंकी नाथूराम गोडसे को लेकर आज ट्टिवर पर काफी हलचल है। यहां गोडसे अमर रहे ट्रैंड कर रहा है। इस दौरान कुछ लोग महात्मा गांधी को याद कर रहे हैं तो बहुत से नाथूराम गोडसे को गांधी की हत्या करने के लिए धन्यवाद दे रहे हैं।

महात्मा गांधी की हत्या के पक्ष में आने वालों की संख्या बढ़ रही है लेकिन इसे एक घृणित अपराध बताने वाले भी कम नहीं। ट्विटर पर यह भी नज़र आ रहा है। इस नए ट्रैंड से भाजपा सरकार पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

 

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में गोडसे के सर्मथकों की संख्या में अचानक बढ़ोत्तरी हुई है और गांधी की हत्या का जश्न भी खुलकर मनाया जाने लगा  है। भाजपा की सरकारें और उनकी मातृ संस्था  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भले ही महात्मा गांधी को सार्वजनिक रुप से लगातार सबसे बड़ा देशभक्त बताते रहे हों लेकिन बहुत से हिन्दूवादी संगठन गांधी की हत्या को जायज़ बताते रहे हैं और इसके लिए गोडसे को नायक बनाते रहे हैं।

नए साल की शुरुआत में ही ग्वालियर में गोडसे ज्ञान शाला खोली गई।  जहां वीर सावरकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक  केशव बलिराम हेडगेवार और श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नाथूराम गोडसे का प्रेरणा स्त्रोत बताया गया था। इसके बहाद एक बड़ा सियासी विवाद खड़ा हो गया। जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया। इससे पहले 2019 में यहां गोडसे की प्रतिमा स्थापित की गई थी।

इससे पहले भी हिन्दू महासभा के लोगों के द्वारा अलीगढ़ में महात्मा गांधी की हत्या का जश्न मनाया गया था। यहां एक पुतले पर महात्मा गांधी की तस्वीर लगाकर उसे गोली मारी गई थी और गोडसे जिंदाबाद के नारे लगाए गए थे।

 


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