– डिस्पोजल का इस्तेमाल कम कराने पर्यावरण बचाने एक प्रयास।
नरसिंहपुर। शादी-विवाह, पार्टियों और समाज के कई कार्यों जैसे त्रयोदशी आदि के लिए आने वाले मेहमानों-आंगुतकों के खाने-पीने के लिए बर्तन बहुत बड़ी जरूरत होती है जिस पर आम तौर पर लोगों की निर्भरता टेंट हाउस वालों पर अधिक होती है। जहां मनमाने दाम या किराया लगता है।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में नगरपालिका करेली ने अनूठी पहल की है। उसने जरूरतमंदों के लिए एक ऐसा बर्तन बैंक बनाया है जहां से मामूली सा किराया देकर व्यक्ति अपने जरूरत के मुताबिक बर्तन ले सकता है।
वैसे तो कई सरकारी उपक्रम और उनके अधिकारी व्यवस्थाओं को बेपटरी करते आते हैं। उन पर गाहे-बगाहे ऐसे आरोप लगते हैं, लेकिन नगरपालिका करेली के सीएमओ की एक पहल ऐसे आरोपों को हाशिये पर रखते हुए लोगों की सराहना का कारण बन रही है।
नगरपालिका करेली ने जरूरतमंदों के लिए बर्तन बैंक की शुरुआत की है। इसके लिए उसने अपने प्रयासों से बर्तन बैंक में लगभग 300 लोगों के भोजन के लिए थाली, गिलास, प्लेट, कटोरी, कढ़ाई, चम्मच और वो सभी तरह के बर्तन जो आमतौर पर इस्तेमाल होते हैं, उनको व्यवस्थित किया है। 100 लोगों के लिए बर्तन का किराया मात्र 50 रुपये रखा गया है। वह भी मेंटेनेंस के नाम पर।
जानकारी के लिए फॉर्मेट व रसीद भी हुई प्रिंट –
इसके लिए नगरपालिका ने बकायदा एक फॉर्मेट व रसीद भी मुद्रित कराई है कि किस प्रयोजन के लिए बर्तन चाहिए। कार्यक्रम में आने वाले लोगों का संख्या क्या है। बर्तन का विवरण। कुल बर्तन, बर्तन ले जाने की तारीख, समय व वापसी की तारीख दर्ज की गई है।
नियम व शर्तें भी कर दी गईं तय –
कुछ नियम व शर्तें भी तय की गईं हैं जैसे कि बर्तन का उपयोग केवल शाकाहारी भोज्य पदार्थो के लिए, बर्तन का ले जाना या वापस करना निकाय के कर्मचारी की उपस्थिति में, बर्तन के उपयोग के पश्चात उसे अच्छी तरह धोकर, सुखाकर वापस करना होगा। बर्तन गुम होने की स्थिति में या अन्य बर्तन वापस नहीं होने की स्थिति में या बर्तन बदलने की स्थिति में राशि देना होगी।
बर्तन की बुकिंग नपा के कार्यालय के कंट्रोल रूम व व्हाट्सएप पर कराई जा सकेगी। इसके लिए बाकायदा नंबर दिया गया है। बर्तन बैंक से बर्तन के लिए 24 घंटे समय तय किया गया है। इस अवधि में उन्हें वापस करना होगा। 24 घंटे से अधिक होने पर बर्तन के उपयोग पर 500 रुपये प्रतिदिन का अधिभार देय होगा।
अगर गुम हुए बर्तन की राशि जमा नहीं की गई तो प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी। बर्तन बैंक से बर्तन केवल कार्यालयीन समय में सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक ही लिए व दिए जा सकेंगे।
आम लोगों की सुविधा के लिए है पहल –
नगरीय निकाय ने यह पहल आम लोगों की सुविधा के लिए की है। यह प्रयास है कि जरूरतमंदों को किसी भी तरह की मुश्किलें न हो। उन्हें रियायती तौर पर आसानी से सभी तरह के बर्तन उपलब्ध हो जाएं और मकसद यह है कि अधिकांश तौर पर लोग आयोजन में डिस्पोजल का उपयोग ज्यादा करते हैं। चाहे वह थाली हो या कटोरी-ग्लास। इससे पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान होता है। तो मेरा यह प्रयास था कि पर्यावरण को संरक्षण मिले। अगर इस बर्तन बैंक के जरिये थोड़े बहुत प्लास्टिक या डिस्पोजल का उपयोग रूक जाएगा तो मेरा लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
– स्नेहा मिश्रा, सीएमओ नगरपालिका करेली