नगरीय निकाय चुनावः लोगों ने कहा कि अच्छा हुआ टल गए चुनाव, मुद्दे और उम्मीदवार दोनों निखरेंगे


इस रायशुमारी में लगभग 100 लोगों से चर्चा की गई तो 65 लोगों का कहना था कि नगरीय निकाय के चुनाव टालना मौजूदा समय में एक तरह से बेहतर है।  वजह है कि आपाधापी में कोई भी उम्मीदवार मैदान में होते तो उनमें से किसी एक का चुनाव करना लोगों की मजबूरी होती।


ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Updated On :

नरसिंहपुर। राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा नगरीय निकायों के चुनाव टाले जाने को लेकर क्षेत्र के नागरिकों और नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आ रहीं हैं। दोनों का ही कहना है कि अच्छा हुआ चुनाव टल गए क्योंकि अब जनता को भी अपने मुद्दों को पहचानने का समय मिलेगा। विकास के लिए ज़रूरी चर्चाएं होंगी और चुनाव के समय बेहतर उम्मीदवार भी देखने को मिलेंगे।

नरसिंहपुर में चुनाव को लेकर चल रहीं चर्चाओं के बीच देशगांव की टीम ने स्थानीय लोगों से बात की और जानना चाहा कि चुनाव टाले जाने को लेकर उनकी क्या राय है और वे इसे कैसे देखते हैं।

इस बातचीत में लोगों ने कई तरह से अपनी राय जाहिर की लेकिन ज्यादातर लोग चुनाव के लिए मिले इस समय से खुश नज़र आए। उन्होंने कहा कि इससे राजनीतिक पार्टियों से ऐसे बेहतर उम्मीदवार उभर कर आएंगे जो वास्तव में लोगों के बीच काम करना चाहते हैं।

इस रायशुमारी में लगभग 100 लोगों से चर्चा की गई तो 65 लोगों का कहना था कि नगरीय निकाय के चुनाव टालना मौजूदा समय में एक तरह से बेहतर है।  वजह है कि आपाधापी में कोई भी उम्मीदवार मैदान में होते तो उनमें से किसी एक का चुनाव करना हम लोगों की मजबूरी होती।

दोनों दल, विशेष तौर पर भाजपा और कांग्रेस तो यह चाहते ही हैं कि चुनाव जल्दी हो जाएं और उनके उम्मीदवार नगरीय निकायों में काबिज़ हो जाएं।

चुनाव टलने से अब दो महीने तक गली-मोहल्लों और चौक-चौराहों में वार्ड के पार्षदों के उम्मीदवार, नगरीय निकाय के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को लेकर चर्चाएं होंगी।

उम्मीदवारी चाहने वाले नेताओं के दमखम और जन हितैषी कार्यों के प्रति उनकी रुचि का अंदाजा भी लग जाएगा। ऐसे में राजनीतिक दलों के लिए भी आसानी होगी। उन्हें बेहतर प्रत्याशी का चुनाव करने में आसानी होगी।

रायशुमारी में 23% लोग इस बात को लेकर असंतुष्ट और नाराज दिखे कि जिनके गली मोहल्लों की स्थिति तो जस की तस है। काम कहां हुए, कैसे हुए यह तो एक ओर है लेकिन आज भी पानी, साफ-सफाई , स्ट्रीट लाइट और दूसरी मुश्किलें बनी हुई हैं।

स्टेशन क्षेत्र पर जब चर्चा हुई तो लोगों ने बताया कि बरसात में उनके वार्ड में पानी भर जाता है और  सुनका चौराहा पर लोगों ने बताया कि कचरे के ढेर बजबजाते हैं। अस्पताल के सामने कॉलोनी में लोगों ने बताया कि उनके वार्ड में कोई काम  ही नहीं हुए हैं।

क्षेत्र के जितने भी  बगीचे और कॉलोनियों में  बनाए गए पार्क हैं, उनकी बदहाल स्थिति इस बात के संकेत है कि नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों ने विकास के कैसे कार्य कराए हैं।

रायशुमारी में 12 प्रतिशत लोगों ने चुनावी चर्चा में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई बात नहीं करना है क्योंकि उनके लिए तो रोजी-रोटी की समस्या सबसे मुश्किल काम है ऐसे में विकास के बारे में सोचने की भी फुर्सत नहीं है।

चुनाव कोई भी हो उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ता क्योंकि उनका बदहाल जीवन जैसा था, वैसा ही चल रहा है। इन लोगों ने यह भी कहा कि  महंगाई ने उनकी पूरी व्यवस्था चौपट कर दी है  और कामकाज ठप पड़े हैं, कोरोना काल में उनका जीवन बेहद कठिन हो चुका है।

 

 

भाजपा ने निश्चित तौर पर सर्वे कराया है और अपनी हार उन्हें समझ में आ रही है, उन्हें यह मालूम है कि उनके पक्ष में परिणाम नहीं आ रहे हैं ऐसे में उन्होंने कोरोना का बहाना लेकर चुनाव टाले  हैं। भाजपा को मालूम है कि किसान आंदोलन कर रहे हैं ,स्थिति ठीक नहीं है। चुनाव टाले जाने की वह निंदा करते हैं, जब 28 तारीख से विधानसभा सत्र बुलाया जा रहा है तो सर्वदलीय बैठक बुलायी जाती, नीतिगत बात होती, सब को विश्वास में लेकर यह कार्य होता तो बेहतर था।

 

मैथिली शरण तिवारी, अध्यक्ष, जिला कांग्रेस नरसिंहपुर  

 

देखिए,  मध्य प्रदेश में भाजपा की हालत ठीक नहीं है, पेट्रोल के दाम 100 रु कर नज़दीक जा रहे हैं  रसोई गैस के दाम बढ़ा दिए गए हैं। भाजपा जितने झूठ परोस सकती है , वह परोस रही है।  उसे मालूम है कि अभी स्थिति गड़बड़ है। मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति वैसे ही खराब है। कोविड-19 का बहाना बनाकर चुनाव टालना, टलवाना भाजपा का एक तरीका है।

 

 

 एड. नारायण सिंह पटेल प्रांतीय महासचिव, बहुजन समाज पार्टी

 

एक बार फिर कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, जीवन जरूरी है इसलिए चुनाव टाले गए हैं। चुनाव तो कभी भी हो सकते हैं लेकिन जीवन उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है।

 

 

 

वीरेंद्र फौजदार,  जिला महामंत्री, जिला भाजपा नरसिंहपुर


Related





Exit mobile version