राशन, पेंशन जैसे कई अधिकारों से वंचित हैं दिलेहरी के ग्रामीण


मोबाइल पर कही अपनी बात, महिलाओें ने कहा लाडली बहना का पैसा मिलने में आ रही परेशानी


DeshGaon
नरसिंहपुर Updated On :

चारों तरफ हरे भरे जंगल और पहाड़ों से घिरे ग्राम दिलेहरी के आदिवासी समाज के लोग अपने अधिकारों के साथ-साथ मूलभूत सुविधाएं राशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन आदि चीजों से वंचित हैं। विकास के कार्य ठप हैं। यहां के ग्रामीण उन मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं जिन्हें पूरा करने के लिए इंतज़ाम तो पर्याप्त हैं लेकिन स्थानीय अधिकारियों की इच्छाशक्ति नहीं।

सामाजिक मुद्दों पर काम करने वाली संस्था मोबाइल वाणी ने पिछले दिनों इस गांव का दौरा किया और यहां के ग्रामीणों ने अपनी बात कही। संस्था के सदस्यों ने ग्रामीणों की इन परेशानियों की जानकारी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को दी है और उनसे इनकी समस्याओं को हल करने की अपील की है।

कई तरह की समस्याओं के साथ-साथ जंगली जीव और बेसहारा मवेशी उनके लिए सबसे अधिक परेशानी का सबब हैं। यह बात उन्होंने मोबाइल वाणी से साझा की। उन्होंने बताया कि यहां आस-पास के लोग बड़े वाहनों में बेसहारा मवेशियों को यह कह कर छोड़ जाते हैं कि उन्हें गौ शाला भेजा जा रहा है फिर उन्हें गांव के रास्ते में ही छोड़ दिया जाता है।

यह मवेशी उनके खेत खलिहानों की फसलें , सब्जियों को चट कर जाते हैं। मजदूरी का काम छोड़कर नुकसान पहुंचा रहे मवेशियों से खेत बचाने के लिए वह जद्दोजहद करते हैं। अलावा इसके, तब जब जंगली जीव विशेष कर जंगली सूअर उनके खेतों की पूरी फसल नष्ट कर रहे हैं। इस बारे में बार-बार प्रशासन से फरियाद करने के बाद भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है।

ग्राम के हरपाल कहते हैं कि यहां कई लोगों को राशन पेंशन से वंचित होना पड़ रहा है। कई के नाम प्रधानमंत्री आवास की सूची में नहीं है तो किसी को कई महीनों से वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिली है।

एक आदिवासी जशोदा बाई का कहना है कि उन्हें लाडली बहना का पैसा नहीं मिल रहा है जबकि उनका नाम सूची में है कुछ इसी तरह की और समस्याएं उसे क्षेत्र की अन्य महिलाएं यह दुर्गा बाई, रामकली के साथ दूसरी महिलाएं बताती हैं कि उनके नाम भी सूची में जुड़वाना है इसके लिए वह परेशान हैं।

इन ग्रामीणों ने मोबाइल वाणी से कई समस्याएं साझा की और बतलाया कि वह रोजागार, कामधंधे के लिए मुश्किलें झेलते हैं। यहीं आमगांव बड़ा के आशीष पसारी और दिलेहरी के लखन पाली बताते हैं कि रोजगार, आवास, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होना सचमुच उनके लिए विकास के मायने हैं परंतु यह उनके गांव से अब भी बहुत दूर है।

 


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