न कृतियों का मूल्यांकन किया न समिति बनाई और बांट दिए करोड़ों के शासकीय पुरुस्कार और सम्मान


साहित्य अकादमी की चयन प्रक्रिया पर प्रेसवार्ता कर नागरिक उपभोक्ता मंच ने उठाए सवाल


ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :

गाडरवारा (नरसिंहपुर)। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा साहित्यकारों को दिए जाने वाले राष्ट्रीय और प्रादेशिक सम्मानों की चयन प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इन्हें संदेहास्पद बताया है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांतीय संयोजक मनीष शर्मा नरसिंहपुर जिला अध्यक्ष पवन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि उन्होंने अकादमी द्वारा घोषित किए गए पुरस्कारों के संबंध में मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी। अकादमी ने आरटीआई के जबाव में यह भी बताने से मना कर दिया कि उन्हें कितनी प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं।

अकादमी द्वारा दिया गया यह जबाब भी हैरान करने वाला है कि “अकादमी द्वारा जिस भी साहित्यकार को पुरस्कार व सम्मान दिया जाता है उसके लिए अकादमी कोई चयन समिति नहीं बनाती और न ही साहित्यकारों की कृतियों की कोई मूल्यांकन रिपोर्ट बनाती बल्कि वह किसी श्रेष्ठ साहित्य मनीषी से किसी एक से श्रेष्ठ कृति का नाम ले लेते हैं और उसे ही सम्मान व पुरस्कार दे देते हैं” हैरत की बात यह है कि इतने बड़े पुरस्कार जिसमें पचास हजार से लेकर एक लाख की राशि भी दी जाती है। उस पुरुस्कार को देने का कोई मापदंड अबतक अकादमी ने तय नहीं किया है। मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी ने 25 जुलाई को विगत 4 वर्षों 2018, 2019, 2020 और 2021 के पुरस्कार विभिन्न विधाओं पर वितरित किए हैं साथ ही अन्य पुरस्कार भी दिए गए जो करीब 112 है इतने पुरस्कार किस आधार पर दिए गए यह स्पष्ट नहीं किया गया है।

कैसे होना चाहिए साहित्यकार का चयन

साहित्यकारों को मिलने वाले सम्मानों की तुलना के लिए वरिष्ठ साहित्यकारों और मनीषियों की एक समिति बनाई जाती है वो समिति किसी भी कृति की श्रेष्ठता का चयन करती है इसमें आवश्यक होता है कि समिति जो विभिन्न बिंदुओं के आधार पर उसका मूल्यांकन करें और समिति के सभी सदस्यों द्वारा किए गए मूल्यांकन के आधार पर एक तुलनात्मक चार्ट बनाया जाए तब वास्तविक कृति और साहित्यकार का चयन किया जा सकता है।परंतु दुर्भाग्य से साहित्य अकादमी द्वारा ऐसा नहीं किया गया है यही कारण है कि सारे पुरस्कार संदेह के घेरे में आ रहे हैं।

आपत्ति के बाद भी कर दिया आयोजन

कार्यक्रम के संबंध में 31 मई को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन, निदेशक साहित्य अकादमी भोपाल को ज्ञापन सौंपकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी निवेदन किया था कि जब तक आपत्ति के संबंध में कोई निर्णय नहीं किया जाता तब तक पुरस्कार प्रदान ना किए हैं परंतु अकादमी ने आपत्ति का निराकरण किए बिना ही पुरस्कार और सम्मान वितरित कर दिए हैं अकादमी की कार्यप्रणाली संदेह पैदा कर रही है और ऐसा महसूस हो रहा है कि वे अपनी चयन प्रक्रिया की कमजोरी का फायदा उठाकर अपात्र लोगों को लाभ पहुंचा रहे हैं।

चयन प्रक्रिया गलत, हाईकोर्ट का करेंगे रुख

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांतीय संयोजक मनीष शर्मा और नरसिंहपुर अध्यक्ष पवन कौरव ने साहित्यकारों को मिलने वाले प्रदेश स्तरीय शासकीय सम्मान व पुरस्कारों में साहित्यकारों के साथ हो रहे दोहन और उनको मिलने वाले सम्मानों और पुरुस्कारों में नियम कायदों के बिना चयनित किए जाने के संबंध में स्पष्ट किया है कि नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच संबंध में माननीय न्यायालय जाने का विचार कर रहा है ताकि मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा दिए जाने वाला प्रतिष्ठित सम्मान वास्तविक साहित्यकारों को प्राप्त हो सके।


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