नरसिंहपुरः कृषि विज्ञान केन्द्र में पादप चिकित्सालय का शुभारंभ, होगा पौधों का इलाज


कृषि विज्ञान केन्द्र में पादप चिकित्सालय का शुभारंभ किया गया। यहां अब पौधों और उन पर पनपने वाले रोगों का इलाज किया जाएगा। कृषि विज्ञान केन्द्र में पादप चिकित्सालय का शुभारंभ विधायक जालम सिंह पटेल ने किया।


ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :
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नरसिंहपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र में पादप चिकित्सालय का शुभारंभ किया गया। यहां अब पौधों और उन पर पनपने वाले रोगों का इलाज किया जाएगा। कृषि विज्ञान केन्द्र में पादप चिकित्सालय का शुभारंभ विधायक जालम सिंह पटेल ने किया।

इस मौके पर कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि कृषि प्रधान नरसिंहपुर जिले में 94 प्रतिशत क्षेत्रफल में सिंचाई की सुविधा होने के साथ ही त्रिस्तरीय फसल प्रणाली अपनाई जाती है।जिले में फसल सघनता 171 प्रतिशत से ज्यादा है। इसे ध्यान में रखते हुए यहां कृषि विज्ञान केन्द्र में पादप चिकित्सालय की शुरुआत की जा रही है।

चिकित्सालय का शुभारंभ करते हुए विधायक जालम सिंह पटेल ने जैविक पद्धति से फसल उत्पादन पर जोर दिया। विधायक पटेल ने कहा कि करेली का गुड़, गाडरवारा की दाल, बरमान के भटे बड़े सम्मान के साथ प्रदेश में बेचे जाते हैं। उच्च दर पर भी लोग खरीदते हैं। जैविक खेती कुछ इसी तरह के नवाचार कर सकती है।

इस मौके पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं संस्था के प्रमुख डॉ. केवी सहारे ने कहा कि फसल सघनता ज्यादा होने के कारण रोग नींदा, कीट का पतन ज्यादा होता है। किसान को लाभ देने के उददेश्य से पादप चिकित्सालय की स्थापना की जा रही है।

पादप चिकित्सालय का दायित्व केन्द्र के पादप संरक्षक वैज्ञानिक डॉ. एसआर शर्मा को सौंपा जा रहा है। इस मौके पर डॉ. एसआर शर्मा ने किसानों को बताया कि यदि किसान भाई जीवित पादप नमूने केन्द्र में नहीं ला सकते तो उनके फोटो व्हाट्सएप पर डाल दें तो भी समस्या की पहचान करके त्वरित निदान उपलब्ध कराया जाएगा।

पादप चिकित्सालय शुभारंभ के मौके पर जिले के उपसंचालक कृषि राजेश त्रिपाठी, केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. आशुतोष शर्मा, डॉ. नीरजा पटेल, डॉ. निधि वर्मा, डॉ. रिचा सिंह, डॉ. विजय सूर्यवंशी, परियोजना संचालक आत्मा, सहायक मृदा परिक्षण अधिकारी के साथ 50 किसान मौजूद रहे।


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