नरसिंहपुरः अवैध खनन व तटों पर अतिक्रमण रोकने जैसी मांग को लेकर नर्मदा में जल सत्याग्रह


नर्मदा में अवैध खनन रोकने, तटों पर बेतहाशा अतिक्रमण और उसमें मिल रहे गंदे पानी की रोकथाम की मांग को लेकर नरसिंहपुर समेत आठ जिलों में जल सत्याग्रह किया गया। नर्मदा के जल में खड़े होकर लोगों ने तदाशय की मांग की।


ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :
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नरसिंहपुर। नर्मदा में अवैध खनन रोकने, तटों पर बेतहाशा अतिक्रमण और उसमें मिल रहे गंदे पानी की रोकथाम की मांग को लेकर नरसिंहपुर समेत आठ जिलों में जल सत्याग्रह किया गया। नर्मदा के जल में खड़े होकर लोगों ने तदाशय की मांग की।

नर्मदा में अवैध खनन रोकने, बेतहाशा हो रहे अतिक्रमण को हटाने और गंदे पानी से बढ़ रहे प्रदूषण के खिलाफ नरसिंहपुर समेत अन्य जिलों में आंदोलन हुआ। रविवार 24 जनवरी को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवेन्द्र पटेल गुडडू के नेतृत्व में नरसिंहपुर बरमान खुर्द घाट में लोगों ने नर्मदा जल में सत्याग्रह करते हुए लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया।

होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन, मंडला, अनूपपुर, डिंडौरी और जबलपुर जिले में भी इस तरह के सत्याग्रह किए गए। जिले के शगुन घाट, रेवानगर, हीराघाट, पिठेहरा, धरमपुरी, छतरपुर, पीपरपानी, झिकोली, केरपानी, पिपरहा, कुडी, चिनकी, महादेव पिपरिया, कोठिया, भटेरा, टिमरावन, सोकलपुर, सिरसिरी, संदूक में नर्मदा भक्तों ने जल सत्याग्रह किया।

मुख्यमंत्री के गृह ग्राम में भी सत्याग्रह –

यह जल सत्याग्रह सीहोर जिले में मुख्यमंत्री के गृहग्राम जैत में भी किया गया। इसके अलावा होशंगाबाद जिले के सेठानीघाट, पांसा, माझा, भटगांव, रेवाघाट, साडिय़ा घाट के अलावा रायसेन जिले में मछवाई, सोमलवाड़ा, केलकच्छ समेत कई घाटों, जबलपुर जिले में लम्हेटा, ग्वारीघाट में भी जल सत्याग्रह हुआ। मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर में भी यह सत्याग्रह हुए।

सत्ता और बाहुबल के दम पर अवैध खनन व कारोबार –

जल सत्याग्रह करते हुए देवेन्द्र पटेल गुडडू ने कहा कि सत्ता और बाहुबल के दम पर पिछले 20 सालों से नर्मदा की दयनीय स्थिति हो गई है। रेत का कारोबार सबसे बड़ा कारोबार हो गया है। पापी लोग जीवनदायिनी नर्मदा में बेतहाशा खनन कर तिजोरियां भर रहे हैं।

अफसोस का विषय है कि हम जीवनदायिनी के संरक्षण के लिए कोई ठोस पहल नहीं कर पा रहे हैं। हमारा दायित्व है कि हम कल-कल करती नर्मदा को संरक्षित करें। आंदोलन की अगुवाई कर रहे पटेल ने कहा कि नर्मदा चेतना प्रवाह पदयात्रा और उसकी मुहिम आगे भी जारी रहेगी।


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