नरसिंहपुरः डबल मर्डर केस में चार सगे भाइयों को आजीवन कारावास


न्यायालय ने कारेलाल, रविशंकर, जुगलकिशोर और रामकुमार को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं अन्य धाराओं के तहत 6 माह के सश्रम कारावास तथा अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा नही करने पर अतिरिक्त सजा भुगतना होगी।


ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :
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नरसिंहपुर। जिले के तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश दीपक शर्मा की अदालत ने एक राय होकर गाली-गलौच, हत्या, कातिलाना हमला आदि के आरोप में चार सगे भाइयों को आजीवन कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है।

गाडरवारा थानांतर्गत ग्राम कामती निवासी रविशंकर (33 वर्ष) पिता छोटेलाल कुशवाहा, रामकुमार उर्फ रामू (41 वर्ष) पिता छोटेलाल कुशवाहा, कारेलाल (41 वर्ष) पिता छोटेलाल कुशवाहा और जुगलकिशोर उर्फ जुगल (38 वर्ष) पिता छोटेलाल कुशवाहा के खिलाफ पुलिस थाना गाडरवारा में धारा 323, 307, 427, 302 व 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध था।

इन सभी दोषियों पर आरोप था कि 29 दिसंबर 2013 को रात साढ़े 12 बजे ग्राम खैरी में उन्होंने रामदर्शन और दिलावर को धारदार हथियार कुल्हाड़ी और लाठियों से चोट पहुंचाई और उनकी हत्या कर दी।

इसके अलावा उन्होंने दोनों को मारने का सामान्य आशय बनाया और आशय की पूर्ति में मारपीट की। इसी घटना के साथ रमाकांत की जीप एमपी49सी2836 में तोड़फोड़ कर क्षति पहुंचाई।

इस मामले में रमाकांत कौरव ने गाडरवारा थाने में रपट दर्ज कराई कि वह कास्तकारी करता है। उसके दोस्त और रवि कुशवाहा के बीच शराब की बात को लेकर विवाद हो गया जिसकी सूचना उसके दोस्त ने मोबाइल पर दी थी।

समझौता करने के लिए वह अपनी जीप से अपने साथी रामदर्शन कौरव, दिलीप कौरव, प्रदीप और रामकुमार के साथ खैरी जा रहे थे। जाने से पहले दिलावर ने मोबाइल पर रवि कुशवाहा से समझौता के लिए आने की बात बतलाई।

जब वह खैरी पहुंचे तो रवि, जुगल, कारेलाल, रामू पहले से ही घात लगातार बैठे थे। अचानक कुल्हाड़ी, लाठियों से मारपीट शुरू हो गई। जीप में भी तोड़फोड़ कर दी।

घायल अवस्था में रामदर्शन और दिलावर को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां डाक्टरों ने दिलावर को मृत घोषित कर दिया। रामदर्शन को नरसिंहपुर जिला अस्पताल पहुंचाया गया।

पुलिस ने इस मामले में बेसबॉल के डंडे और अन्य सामग्री भी जब्त की थी। इस मामले में न्यायालय ने जब आरोप पढ़कर सुनाए तो आरोपियों ने आरोप अस्वीकार किए और कहा कि वे निर्दोष हैं और उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है।

इसी दरमियान अधिक रक्तस्त्राव के कारण रामदर्शन की भी मौत हो गई। उसे भी काफी चोटें थीं। इस मामले में न्यायालय ने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर गहन विवेचना की। कई साक्षियों के बयान दर्ज किए।

विभिन्न दृष्टांतों का जिक्र करते हुए न्यायालय ने पाया कि दिलावर और रामदर्शन की मौत मारपीट के फलस्वरूप हुई। न्यायालय ने कारेलाल, रविशंकर, जुगलकिशोर और रामकुमार को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं अन्य धाराओं के तहत 6 माह के सश्रम कारावास तथा अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा नही करने पर अतिरिक्त सजा भुगतना होगी।


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