नरसिंहपुर। असंवेदनशील सिस्टम ने एक बार फिर से एक किसान को अपनी इहलीला खत्म करने को मजबूर कर दिया और उसने सिस्टम के खौफ से फांसी के फंदे पर झूल गया।
नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा में मनमानी बिजली बिल के नोटिस और जारी हुए वारंट के खौफ ने एक किसान को फांसी के फंदे पर झूलने से मजबूर कर दिया।
तेंदूखेडा निवासी मुन्ना उर्फ केदार विश्वकर्मा शुक्रवार को फांसी के फंदे पर झूल गया और इसके पीछे मुख्य कारण है उस पर बिजली विभाग द्वारा 2017 में दर्ज किया गया फर्जी प्रकरण।
जानकारी के मुताबिक, केदार विश्वकर्मा पर बिजली विभाग का फर्जी प्रकरण वर्ष 2017 में छिंदवाड़ा से पहुंची विजलेंस टीम के द्वारा बनाया गया था, जिसका भुगतान करने के लिए वह सक्षम नहीं था।
उसने विद्युत विभाग के अधिकारियों से अनेक बार गुहार लगाई थी, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। पिछले दिनों उसे 2.97 लाख रुपये जमा करने के लिए एक स्थाई वारंट जारी हुआ जिससे परेशान केदार विश्वकर्मा उर्फ मुन्ना ने राशि जमा नहीं कर पाने व विद्युत विभाग से कोई उचित हल नहीं मिलने की सूरत में मौत को गले लगाना बेहतर समझा।
इस ममले को लेकर परिजनों ने शव ले जाकर विद्युत कार्यालय का घेराव करना चाहा, लेकिन पुलिस ने शव को मॉर्चुरी में बंद कर दिया। बात बढती देख तहसीलदार तेंदूखेडा नीता कोरी ने मोर्चा संभाला और वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
एसडीएम राजेश शाह ने मौके पर पहुंच कर मामले की पूरी जानकारी ली व परिजनों को न्याय का भरोसा दिलाया। इसके बाद परिजन मान गए और तत्पश्चात शव का पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार किया गया। हालांकि, इस दौरान विद्युत विभाग का एक भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।