बढ़ रही शरबती गेहूं की मांग, सरकार कर रही जीआई टैग की तैयारी


शरबती गेहूं के स्वाद के अलावा इसकी एक खास बात यह  भी है कि यह गेहूं की सभी दूसरी किस्मों में ज्यादा कीमत में बिकता है।


ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :

नरसिंहपुर। क्षेत्र में इस बार गेहूं की बंपर उपज आने की उम्मीद है। जिले में गेहूं की कई किस्म बोई जाती है जिसमें एक किस्म शरबती की भी होती है । शरबती गेहूं की मांग अब लगातार बढ़ रही है। अपने खास स्वाद और सुनहरे दानों की चमक और दाने-दाने में मिठास के कारण शरबती गेहूं की मांग रहती है। इसकी रोटियां मुलायम बनती है। नरसिंहपुर जिले में गेहूं की करीब 15 से 20 किस्में बोई जाती हैं जिसमें शरबती भी शामिल है।

वैसे तो गेहूं की उपज देश में हर जगह होती है पर नरसिंहपुर जिले का गन्ना, गाडरवारा की दाल, जिले का गुड़ अच्छा खासे स्वाद के लिए जाना जाता है। इसी तरह शरबती गेहूं की भी खास पहचान  है। शरबती गेहूं देखने में एक समान दाने वाले और सोने जैसा चमकीना होता है। दाने-दाने में मिठास होती है।

शरबती गेहूं के स्वाद के अलावा इसकी एक खास बात यह  भी है कि यह गेहूं की सभी दूसरी किस्मों में ज्यादा कीमत में बिकता है। लोकमन, मालवा शक्ति और अन्य किस्म के गेहूं जहां दो से ढ़ाई हजार रूपये प्रति क्विंटल बिकते हैं वहीं शरबती गेहूं 2800 से लेकर चार हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिक जाता है।

जिले में 15 से 20 वैरायटी, उसमें द गोल्डन ग्रेन भी…  जिले में 15 से 20 वैरायटियों का उत्पादन लिया जा रहा है इसमें जेडब्यलू 3020 , 3211, 3288, 3382के अलावा जेडब्यलू 366 जेडब्ल्यू ३२२, तेजस, लोकमन, करनाल वैरायटी आदि हैं। इनमें 35 से 40 फीसदी रकबा जेडब्लयू 322का है जिसमें तेजस का आटा नहीं बनता इसे दलिया के लिए सबसे बेहतर माना जाता है।

जेडब्ल्यू 322 -366 शरबती नहीं है पर मांग अच्छी रहती है। लोकमन भी सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। जिले में गेहूं का रकबा 1 लाख 6हजार है। शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन भी कहा जाता है। इसके दाने के सुनहरे रंग के कारण इसे यह नाम मिला है।  इसका स्वाद बेहतर होता है इसकी रोटियां बेहतर बनती है।  गेहूं के अन्य किस्मों की तुलना में इसमें ग्लूकोज और सूक्रोज जैसे सरल शर्करा की मात्रा अधिक होती है। शरबती गेहूं में सी-306किस्म सबसे बेहतर मानी जाती है। वैसे इसकी क्रास वैरायटी भी बाजार में उपलब्ध है। कहीं-कहीं किसान कठिया गेहूं की नई वैरायटी दूरम का भी उपार्जन ले रहे हैं।

जीआई टेग दिलाने का हो रहा प्रयास …. 
मप्र में शरबती गेहूं की मांग दूसरे राज्यों में भी बढ़ रही है इसलिए इसे नरसिंहपुर सहित होशंगाबाद जैसे पड़ोसी जिलों जैसे हरदा, अशोकनगर, भोपाल और मालवा के क्षेत्रों में भी बोया जाता है। प्रदेश सरकार शरबती गेहूं को जीआई टेक अर्थात भौगोलिक संकेतक दिलाने का प्रयास कर रही है। ब्रांड नेम मिलने के बाद शरबती गेहूं के नाम से कोई कंपनी या संस्था अपना नाम नहीं दे पाएगी।

 

जिले में अब किसान कम पानी वाली फसल को प्रमुखता देते हैं इसलिए ऐसे गेहूं बोते हैं जिसमें कम पानी लगे।  जिले में गेहूं की 15 से 20 वैरायटी बोई गईहै जिसमें जेडब्ल्यू 322 सबसे ज्यादा 35 से 40 फीसदी रकबे में है।

डॉ.एसआर शर्मा, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र , नरसिंहपुर


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