वैज्ञानिक डॉ. एस. आर. शर्मा की नई कृति: ‘फसल उत्पादन की उन्नत कास्ट तकनीक’


प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस आर शर्मा ने ‘फसल उत्पादन की उन्नत कास्त तकनीक’ नामक नई पुस्तक प्रकाशित की है, जो कृषि तकनीकों में नवीनतम नवाचारों और शोधों को प्रस्तुत करती है।


ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :

कृषि जगत के प्रमुख वैज्ञानिक, डॉ. एस. आर. शर्मा ने अपनी नई किताब ‘फसल उत्पादन की उन्नत कास्त तकनीक’ का प्रकाशन किया है। डॉ. शर्मा, जो कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र नरसिंहपुर में पादप संरक्षण विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ हैं, ने इस पुस्तक में फसल उत्पादन के आधुनिक और नवीनतम तकनीकों को समाहित किया है।

डॉ. शर्मा ने गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तराखंड से पादप रोग विज्ञान में अपनी डॉक्टरेट प्राप्त की है और उन्हें उत्कृष्ट वैज्ञानिक पुरस्कार 2017, युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, बायोवेद फैलोशिप पुरस्कार, और लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2022 से सम्मानित किया जा चुका है।

उन्होंने अपने करियर में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में 30 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं और उनके नाम 50 से अधिक शोध प्रकाशन, 45 लेख, 12 बुकलेट्स, 4 बुक चैप्टर्स, और तीन किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे उत्तर प्रदेश में गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर में कमेटी सदस्य भी रह चुके हैं और उन्होंने गन्ने की तीननई प्रजातियां विकसित की हैं और गन्ने की आंखधारी रोग को पहली बार रिपोर्ट किया गया है, जिसका श्रेय डॉ. शर्मा को जाता है। उनकी नई पुस्तक में कृषि विज्ञान केंद्र नरसिंहपुर में पदस्थ वैज्ञानिक डॉ. आशुतोष शर्मा को सह-लेखक के रूप में शामिल किया गया है, जो कि इस पुस्तक के विषयवस्तु की गहराई और व्यापकता को और बढ़ाता है।

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इस पुस्तक में फसल उत्पादन के लिए उन्नत और अभिनव तकनीकों का वर्णन किया गया है जो कि कृषक समुदाय के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं। यह पुस्तक न केवल वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए बल्कि कृषि क्षेत्र से जुड़े हर व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ ग्रंथ है।

‘फसल उत्पादन की उन्नत काश्त तकनीक’ किताब नवीनतम शोध और प्रयोगों पर आधारित है और इसमें उन तकनीकों का समावेश किया गया है जो कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं। इस पुस्तक के माध्यम से डॉ. शर्मा ने कृषि जगत में अपने व्यापक अनुभव और ज्ञान को साझा किया है, जिससे यह न केवल वैज्ञानिक समुदाय बल्कि कृषक समुदाय के लिए भी एक अनमोल योगदान है।


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