कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिल्स नहीं करा रही अनुबंध, निराश प्रशासन ने उठाया सख्त कदम
नरसिंहपुर। जिले में प्रशासन ने एक सख्त कदम उठाते हुए सभी राइस मिल्स के बिजली कनेक्शन तत्काल प्रभाव से काटने के निर्देश बिजली कंपनी को दिए हैं।
दरअसल जिला प्रशासन ने यह कदम जिले में अब तक किसी भी राइस मिल द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन और अनुबंध नहीं कराने के कारण उठाया है। राइस मिल के इस कदम से प्रशासन काफी मायूस है।
अपने लक्ष्य 10 लाख क्विंटल से 50 फ़ीसदी से ज्यादा की खरीदी कर चुका मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड के समक्ष समस्या यह है कि जिले में अब तक किसी भी राइस मिल ने कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन और अनुबंध नहीं कराया।
जिले में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 20 हजार 784 किसानों के पंजीयन हैं। इनमें से 23-24 दिसंबर तक 9 हजार 762 किसान 5 लाख 36 हजार क्विंटल से ज्यादा धान सहकारी समितियों के 49 केंद्रों में दे चुके हैं।
इसमें से चार लाख 91 हजार क्विंटल से ज्यादा की ट्रांसपोर्टिंग भी हो चुकी है, लेकिन समस्या यह हो रही है कि उपार्जन एजेंसी से राइस मिल धान नहीं उठा रही हैं, जबकि इस खरीफ़ विपणन वर्ष 2020-21 में स्पष्ट निर्देश हैं कि एजेंसी चल रही खरीदी से औसतन 30 प्रतिशत मात्रा कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिल्स को सीधे उपलब्ध करा दें।
लेकिन, जिले की 20-22 राइस मिलों ने कॉरपोरेशन के इस निर्देश को धता बता दिया है। उन्होंने मिलिंग के लिए अब तक पंजीयन-अनुबंध ही नहीं कराया जबकि खरीदी का आधा लक्ष्य पूरा हो चुका है।
अब तक मिलिंग शुरू नहीं होने से मायूस व निराश प्रशासन अब राइस मिल्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है। कलेक्टर वेद प्रकाश ने मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री को निर्देश दिए हैं कि सभी राइस मिल्स के बिजली कनेक्शन तत्काल प्रभाव से काट दिए जाएं।
नरसिंहपुर जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलदीप राजपूत ने बताया कि
चावल की क्वालिटी के लिए जिले में एक या दो मिलर्स को छोड़ दें तो किसी के पास भी शार्टेक्स मशीन नहीं है। इस मशीन से चावल साफ आता है। यह मशीन लगभग एक करोड़ की लागत की होती है। यह किसी के पास नहीं है। दूसरी समस्या यह है कि हमने प्रशासन से कहा है कि आप टेस्ट मिलिंग करा लीजिए। आप अपना कोई प्रतिनिधि मिल भेज दीजिए। उनके सामने ही मिलिंग होगी, लेकिन यह भी नहीं हो पा रहा है। तीसरी समस्या यह है कि हमारे जिले में क्रांति धान का उत्पादन ज्यादा होता है जो पोहा बनाने में उपयोग में आती है। समस्या तो है फिर भी देखते हैं क्या कर सकते हैं।
उधर राइस मिलर्स अपनी-अपनी समस्या बता रहे हैं। उसमें से एक मुख्य समस्या यह है कि बीते वर्ष राइस मिल से खादय आपूर्ति निगम (एफसीआई) ने चावल नहीं लिया था जिससे राइस मिलर्स की पूंजी जाम हो गई।
कई मिलर्स को भुगतान नहीं मिला। अब तक समस्या जस की तस है इसलिए इस बार धान की कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिल्स अनुबंध कराने में अब तक आगे नहीं आए हैं। अभी तक एक भी राइस मिलर ने पंजीयन नहीं कराया है।
जिले में ये हैं राइस मिलर्स –
- अमर फ़ूड इंडस्ट्रीज नरसिंहपुर
- अमर ज्योति राइस इंडस्ट्रीज नरसिंहपुर
- अमर राइस इंडस्ट्रीज नरसिंहपुर
- अमर शक्ति राइस इंडस्ट्रीज नरसिंहपु
- अन्नपूर्णा राइस इंडस्ट्रीज करेली
- ग्रीन इंडिया राइस उद्योग गरधा
- हीरा राइस मिल एंड थ्रेडिंग बारछी
- लूनावत राइस उद्योग गाडरवारा
- में. मातेश्वरी राइस मिल कौडिया
- राधाकृष्ण राइस मिल हीरापुर
- राय राइस मिल सालीचौका
- शिवा राइस मिल नरसिंहपुर
- श्री रेवा राइस मिल गोटेगांव
- समर्थ राइस इंडस्ट्री पीपरपानी
- श्री अंश राइस मिल बनवारी
- श्रीराम राइस मिल उकासघाट
- श्री श्याम जी राइस मिल खमरिया नरसिंहपुर
- तिरुपति राइस मिल सालीचौका
- यश राइस मिल ढुरसुरु
- लूनावत राइस उद्योग यूनिट गाडरवारा
- तिरुपति राइस मिल यूनिट 1 सालीचौका