नरसिंहपुर। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कहर के बीच कोरोना संक्रमण के बाद की जटिलताओं का संकट गहराने लगा है। जैसे-तैसे कोरोना मरीज ठीक हो रहे हैं तो अब उनपर ब्लैक फंगस का खतरा मंडरा रहा है।
ऐसे में शासन-प्रशासन ब्लैक फंगस के लिए जरूरी दवाइयों और इंजेक्शन की मॉनिटरिंग (निगरानी) शुरू करता, उसके पहले ही ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जरूरी दवाइयां और इंजेक्शन बाजार से गायब हो गए हैं और कालाबाजारी करने वाले लोग सक्रिय हो गए हैं।
शासन-प्रशासन की उदासीनता और जनता के स्वास्थ्य को लेकर हो रही लगातार लापरवाहियों पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के भतीजे और विधायक जालम सिंह पटेल के बेटे मणिनागेद्र सिंह उर्फ मोनू पटेल ने फिर अव्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भाजपा विधायक जालम सिंह के बेटे मोनू पटेल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये सिस्टम पर सवाल उठाए हैं और लिखा है कि लोकल हीरोज नहीं होते तो जाने क्या होता।
कोरोना की इस घातक दूसरी लहर के तांडव के बीच लोकल हीरो ही फरिश्तों की तरह लोगों की जान बचाने सामने आए हैं जबकि शासन-प्रशासन को खुद जमीनी स्तर पर उतरकर ये करना चाहिए था।
मोनू पटेल का कहना है कि लोकल हीरोज ने इस भीषण संकटकाल में खुद मरीजों को बेड और ऑक्सीजन से लेकर इंजेक्शन उपलब्ध करवाए हैं।
ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की कमी –
मोनू पटेल ने कोरोना संकटकाल के बीच जारी बदइंतजामी पर शासन-प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस भीषण मानव त्रासदी में लोग जान गंवा रहे हैं, किसी का परिवार का परिवार तबाह हो गया है और कई अब भी इसकी जद में हैं।
वहीं कोरोना संक्रमण के बीच अब ब्लैक फंगस बीमारी का भी संकट गहरा रहा है। प्रदेश भर में कई मरीज ब्लैक फंगस का शिकार हो गए हैं। ऐसे में नरसिंहपुर जिले समेत प्रदेश भर में ब्लैक फंगस के लिए जरूरी इंजेक्शन की अभी से किल्लत शुरू हो गई है।
मतलब साफ है कि बिचौलिये और कालाबाजारी करने वाले लोग पहले ही सक्रिय हो गए हैं और शासन-प्रशासन अब भी सुस्ती दिखा रहा है।
मोनू पटेल के मुताबिक, नरसिंहपुर प्रशासन भी ब्लैक फंगस से लिए जरूरी इंजेक्शन की कमी बताकर पल्ला झाड़ रहा है तो ऐसे में बेबस पीड़ित मरीज कहां जाएंगे।
मोनू पटेल ने कहा कि ब्लैक फंगस पीड़ित मरीज को लगने वाले इंजेक्शन पिछले चार दिनो से न नरसिंहपुर जिले में उपलब्ध हैं और न ही आसपास के जिले में, जिसकी वजह से पीड़ित मरीज एवं उनके परिजन परेशान हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
अव्यवस्था के खिलाफ मुखर रहे हैं मोनू पटेल –
मोनू पटेल जनता के प्रति कितने संवेदनशील हैं, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वो अपनी ही सरकार को आड़े हाथ लेने से भी नहीं झिझकते। मोनू पटेल ने कोरोना के इलाज को लेकर जिले में हो रही अव्यवस्था पर हाल ही में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, जिसकी वजह से प्रदेश भर में राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी।
अब एक बार फिर से ब्लैक फंगस के इलाज में शासन-प्रशासन की उदासीनता पर मोनू पटेल ने मोर्चा संभाल लिया है। मोनू पटेल ने ब्लैक फंगस के लिए जरुरी संसाधनों के स्टॉक की कालाबाजारी के लिए हो रही जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए सिस्टम को आगाह किया है।