अरविन्द श्रीधर नेहरू युवा केंद्र संगठन, मध्य प्रदेश राज्य निदेशक के पद पर नियुक्त किए गए हैं.युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय,भारत सरकार के अधीन कार्यरत नेहरू युवा केंद्र संगठन युवा गतिविधियों के क्षेत्र में देशव्यापी स्तर पर प्रतिनिधि संस्था है। अपने स्थापना काल 1972 से लगाकर आज तक नेहरू युवा केंद्रों द्वारा “युवाओं का जागरण और जागरूक युवाओं द्वारा राष्ट्र निर्माण” के मिशन एवं विज़न के अनुरूप उल्लेखनीय कार्यों को अंजाम दिया है।
अरविन्द श्रीधर जिला युवा समन्वयक के रूप में 1992 से नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े हुए हैं और धार-झाबुआ जैसे ठेठ आदिवासी जिलों से लगाकर राष्ट्रीय मुख्यालय नई दिल्ली तक काम कर चुके हैं।
देश के विभिन्न हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदाओं से लगाकर कोरोना जैसी महामारी के दौरान उनके द्वारा प्रशिक्षित हजारों युवा स्वयंसेवकों ने अपने सेवा कार्यों की छाप छोड़ी है।
उनके द्वारा आयोजित युवा नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित होकर हजारों युवा सार्वजनिक जीवन में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।
युवा मंडल मार्गदर्शिका, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण नागरिक कर्तव्य, ग्राम सभा और विकास, राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता में युवाओं की भूमिका जैसे अनेक विषयों पर केंद्रित विभागीय साहित्य अरविन्द श्रीधर द्वारा सृजित किया गया है जिसे देशव्यापी सराहना प्राप्त हुई है। युवा प्रतिभाओं के सबसे बड़े समागम राष्ट्रीय युवा उत्सव के साथ वह 1995 से ही जुड़े हुए हैं। विभाग के मुख पत्र “युवा संदेश” के प्रकाशन में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
साहित्यक अभिरुचि रखने वाले श्री अरविन्द श्रीधर के लेख एवं रचनाएं देश के प्रमुख समाचार पत्रों/पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर प्रसारित उनके साक्षात्कार युवाओं के लिए प्रेरक रहे हैं। श्रीधर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से भी लेखन में सक्रिय हैं।
अरविन्द श्रीधर को नेहरू युवा केंद्र संगठन के माध्यम से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहने की प्रेरणा अपने पिता पंडित सुंदरलाल श्रीधर से मिली,जो अपने समय के समर्पित गांधीवादी सर्वोदयी कार्यकर्ता और प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी सार्वजनिक एवं सामाजिक क्षेत्र में निरंतर सक्रिय रहे हैं।
अध्ययनशील माता-पिता से प्रारंभिक संस्कार ग्रहण करने के बाद श्री अरविन्द श्रीधर ने अपने अग्रज ज्ञान तीर्थ सप्रे संग्रहालय के अधिष्ठाता वरिष्ठ पत्रकार विजयदत्त श्रीधर के मार्गदर्शन में कलम चलाना सीखा।
उज्जैन के ऐतिहासिक ,सांस्कृतिक एवं पौराणिक वैभव पर केंद्रित उनकी कृति “अमृत धरा अवंतिका” को व्यापक सराहना प्राप्त हुई है।