– विभाग के आला अफसर ने कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की गिनाई ढेरों खामियां।
नरसिंहपुर। सौंपे गये दायित्वों के निर्वहन और शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने, बगैर सूचना के आंगनबाड़ी केन्द्र से अनुपस्थित रहने आदि के आरोप में 40 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 35 सहायिकओं के दिसंबर माह के मानदेय पर कैंची चल गई है।
अब उन्हें एक माह का मानदेय नहीं मिलेगा। मानदेय काटे जाने को लेकर विभाग के आला अफसर ने कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की ढेरों खामियां गिनाई हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास राधेश्याम वर्मा ने जानकारी दी कि महिला एवं बाल विकास विभाग की चांवरपाठा परियोजना के सेक्टर डोभी, तेंदूखेड़ा दो एवं खुलरी की 40 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं 33 सहायिकाओं का दिसंबर माह का मानदेय काटा गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि सेक्टर पर्यवेक्षकों के प्रतिवेदन के अनुसार उक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मासिक समीक्षा बैठकों में सूचना के बावजूद अनुपस्थित रहती हैं और केन्द्र का विधिवत संचालन नहीं कर रही हैं।
वे संपर्क ऐप पर विभागीय एमपीआर में बार-बार त्रुटि कर रही हैं। सीसेम की एंट्री भी नहीं की जा रही है। पर्यवेक्षकों ने फील्ड विजिट में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ताला लगा भी पाया।
समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि वे प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना एवं लाडली लक्ष्मी योजना की हितग्राहियों को सही तरीके से जानकारी नहीं दे पाती हैं।
इस संबंध में नियत समय पर परियोजना कार्यालय में आवेदन भी जमा नहीं कर पाती हैं। बगैर सूचना के वे छुट्टी पर चली जाती हैं। कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का व्यवहार उचित नहीं है। आंगनबाड़ी सहायिकायें भी केन्द्र में अनुपस्थित पाई गईं।
निरीक्षण के दौरान विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों में समुचित साफ-सफाई नहीं मिली। इस तरह दायित्वों के निर्वहन में कोताही पाए जाने पर उक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के माह दिसंबर 2020 के मानदेय को काटा गया है।