इटारसी में सिकंदराबाद एक्सप्रेस 3 घंटे लेट हुई, ट्रेन में बम की सूचना निकली अफवाह

DeshGaon
नर्मदापुरम Published On :
Secunderabad Express Train

भोपाल/इंदौर। नर्मदापुरम जिले के इटारसी जंक्शन में सिकंदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन को बम से उड़ाने की सूचना अफवाह निकली। सूचना के बाद स्टेशन पर हड़कंप मच गया।

मौके की नजाकत को समझते हुए जिले के एसपी गुरकरण सिंह खुद पुलिस टीम के साथ वहां पहुंचे। इटारसी के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर जयपुर-सिकंदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन करीब तीन घंटे तक खड़ी रही।

बताया जा रहा है कि ट्रेन नंबर 19713 सिकंदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन जयपुर से सिकंदराबाद के लिए रवाना हुई थी। ये ट्रेन रविवार दोपहर 12:55 मिनट पर इटारसी पहुंची, जबकि इसके आने का समय 12:15 मिनट है। ट्रेन 40 मिनट देरी से इटारसी पहुंची।

इसी दौरान स्लीपर के S-6 कोच के टॉयलेट में उदयपुर के रहने वाली यात्री प्रदीप शर्मा को दो पर्चियां मिलीं। इसमें ट्रेन के एसी कोच में बम होने और परिवार को बचाने की बात लिखते हुए मदद मांगी गई है।

प्रदीप ने वो पर्ची ट्रेन में मौजूद टीटीई को दिया जिन्होंने इस पर्ची पर लिखी बातों की जानकारी जीआरपी और आरपीएफ को दी। इसके बाद हड़कंप मच गया।

मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रेन को खाली कराया। मौके पर बम निरोधक दस्‍ते को भी बुला लिया गया। ताबड़तोड़ तलाशी शुरू की गई। करीब तीन घंटे बाद तक कोई बम नहीं मिला। धमकी मिलने के बाद यात्री डर गए हैं।

दमोहः मवेशियों की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने जबलपुर रोड पर लगाया जाम – 

दमोह जबलपुर स्टेट हाईवे पर रविवार सुबह नोहटा गांव में सड़क पर मृत पड़े मवेशियों को देखकर ग्रामीण गुस्से में आ गए और उन्होंने जाम लगा दिया। करीब आधे घंटे तक ग्रामीण जाम लगाकर अज्ञात आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर खड़े रहे।

खबर मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और काफी समझाइश के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हो गया और वह मान गए। इसके बाद आवागमन शुरू हो सका।

नोहटा टीआई विकास चौहान ने बताया कि शनिवार रात किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से चार भविष्य की मौत हो गई सुबह ग्रामीणों ने जब सड़क पर अवश्य देखें तो उन्हें गुस्सा आ गया और उन्होंने स्टेट हाइवे पर पत्थर रखकर जाम लगा दिया, जिससे जाम के हालात बनने लगे।

सूचना मिलते ही वो मौके पर पहुंचे, तो ग्रामीणों ने कहा अज्ञात वाहन को पकड़ा जाए। पुलिस ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि अज्ञात वाहन की सीघ्र तलाश की जाएगी। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए और सड़क से पत्थर हटा लिए।


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