होशंगाबाद। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सोमवती अमावस्या के अवसर पर नर्मदा स्नान पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया था, लेकिन श्रद्धालुओं पर इसका कोई असर नहीं दिखा।
प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की आवाजाही रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने का दावा किया गया था, लेकिन सोमवार सुबह पांच बजे से ही नर्मदा घाटों पर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था जो कि करीब साढ़े छह बजे तक चला।
सुबह आठ बजे नर्मदा घाटों पर पुलिसबल तैनात किया गया, लेकिन तब तक कई लोग नर्मदा नदी में स्नान कर वहां से जा चुके थे। सबसे ज्यादा भीड़ शहर के बीचोबीच स्थित विवेकानंद घाट पर रही, जहां श्रद्धालुओं ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तक हटा दिए थे।
साल की एक मात्र सोमवती अमावस्या होने की वजह से लाखों श्रद्धालुओं के नर्मदा घाटों पर आने की संभावना थी, लेकिन प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद भी सोमवार सुबह से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में नर्मदा घाट पर पहुंच गए थे।
विवेकानंद घाट, हर्बलपार्क घाट, कोरी घाट, सर्किट हाउस घाट पर लोगों का तांता लगा रहा। कई श्रद्धालुओं का कहना था कि कई सालों से सुबह के समय ही स्नान करते चले आ रहे हैं इसलिए अभी भी इस परंपरा को निभाया है।
सोमवती अमावस्या पर नर्मदा स्नान का विशेष महत्व रहता है इसलिए इसका पुण्य लाभ लेना जरूरी होता है। नियमों को ध्यान में रखकर ही नर्मदा स्नान करने पहुंचे थे।
जिले के सबसे प्रमुख सेठानी घाट पर पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए थे। हालांकि काले महादेव, कोरी घाट व पर्यटन घाट पर श्रद्धालु पहुंच गए और वहां डुबकी लगाई।
सेठानी घाट पर लोगों को जाने से रोकने के लिए मुख्य द्वार पर पुलिसबल तैनात रहा। साथ ही सीढ़ियों के पास होमगार्ड के जवान तैनात रहे। वरिष्ठ सब इंस्पेक्टर ने बताया कि एक दिन पहले ही यहां पर बैरिकेड्स लगा दिए गए थे।