होशंगाबाद। होशंगाबाद जिले में प्रशासन से सिर्फ नौ खदानों से रेत निकालने की अनुमति मिली है, लेकिन यहां बीस खदानों से रेत का उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि रेत माफिया द्वारा बीते दो सप्ताह से रेत का परिवहन काफी अधिक मात्रा में हुआ है।
जिला कलेक्टर धनंजय सिंह ने रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन रोकने के लिए निर्देश भी दिए हैं, लेकिन इसका असर नहीं दिख रहा है।
बांद्राभान से सटे रायपुर और धानाबड़, जासलपुर-निमसाड़िया में सबसे ज्यादा रेत के वाहन पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि खनिज अमले के पहुंचने के पहले ही यहां से रेत के वाहन गायब हो जाते हैं और अधिकारियों को वहां कुछ नहीं मिलता है।
इस बारे में खनिज अधिकारी ने कहा कि अवैध रेत उत्खनन रोकने के लिए जल्द ही बड़ी छापामार कार्रवाई की जाएगी।
इसी क्रम में कार्रवाई के डर से रेत माफिया डोंगरवाड़ा रेत खदान से लाई गई अवैध रेत को सड़क किनारे ही फेंक कर भाग गए, जो अब भी सड़क किनारे पड़ी हुई है।
खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला ने गुरुवार को खनिज अमले को निर्देश दिए थे कि इस रेत को उठाकर स्टॉक में भिजवा दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है।
यह रेत सड़क पर बिखर रही है, जिसके कारण सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को हो रही है।